नई दिल्ली ! राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने डोगरी कवयित्री पद्मा सचदेव, प्रसिद्ध आलोचक एवं मीडिया विशेषज्ञ सुधीश पचौरी, टीवी पत्रकार रवीश कुमार तथा जाने-माने नाटककार असगर वजाहत सहित 28 व्यक्तियों को 2010 और 2011 का हिन्दी सेवी सम्मान आज प्रदान किया। श्री मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक गरिमामय समारोह में रूस में हिन्दी को बढावा देने वाले प्रो.मदनलाल मधु को 2010 का तथा ब्रिटेन स्थित श्री तेजेंदर शर्मा को 2011 का पद्म भूषण डॉ, मोटूरि सत्य नारायण पुरस्कार प्रदान किया। प्रो.मधु का पिछले दिनों निधन हो गया। हिन्दी प्रचार प्रसार एवं हिन्दी प्रशिक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए 2010 का गंगाशरण सिंह पुरस्कार श्री आर एफ नीरलकुट्टी, सुश्री पद्मा सचदेव, फिल्मकार जान्हू बरूआ तथा डॉ. एस ए सूर्यनारायण वर्मा को और 2011 का पुरस्कार अनुवादक डॉ.एच. बालसुब्रमण्यम, नाटककार रोबिन दास, प्रो. टी.आर.भट्ट तथा श्री सिजगुरूमयुम कुलचंद्र शर्मा को प्रदान किया गया। टीवी पत्रकार रवीश कुमार एवं प्रिंट पत्रकार दिलीप कुमार चौबे को हिन्दी पत्रकारिता तथा रचनात्मक साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए 2010 का गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार प्रदान किया गया, जबकि 2011 का यह पुरस्कार डॉ.शिवनारायण एवं प्रो. गोविन्द सिंह को प्राप्त हुआ। राष्ट्रपति ने 2010 का आत्मा राम पुरस्कार डॉ. अनिल कुमार चतुर्वेदी तथा काली शंकर को और 2011 का यह पुरस्कार महेश कुलकर्णी एवं विजय कुमार मल्होत्रा को प्रदान किया। यह पुरस्कार वैज्ञानिक एवं तकनीकी साहित्य एवं उपकरण विकास के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है। वर्ष 2010 का सुब्रम्हण्यम भारती पुरस्कार प्रो. सुधीश पचौरी एवं डां, श्याम सुन्दर दुबे तथा 2011 के लिए यह पुरस्कार प्रो.दिलीप सिंह और प्रो. नित्यानंद तिवारी को दिया गया। हिन्दी में खोज एवं अनुसंधान करने तथा यात्रा विवरण के लिए 2010 का महापंडित राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार डॉ. परमानंद पांचाल और प्रो. रघुवीर चौधरी को तथा 2011 के लिए यह पुरस्कार प्रो. असगर वजाहत एवं श्री वेद राही को प्राप्त हुआ। वर्ष 2010 का डॉ.जार्ज ग्रयिर्सन पुरस्कार प्रो.शमतोफ आजाद .उज्बेकिस्तान, और 2011 का पुरस्कार प्रो. उ.जो, किम .दक्षिण कोरिया, को प्रदान किया गया। ये पुरस्कार केंद्रीय हिन्दी संस्थान द्वारा दिए जाते हैं।