• दागियों को मंत्रिमंडल में शामिल न करें : सर्वोच्च न्यायालय

    सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि हालांकि प्रधानमंत्री को मंत्रिमंडल में किसी व्यक्ति को शामिल करने से रोकने का कोई नियम नहीं है, लेकिन संविधान का नैतिक संरक्षक होने के नाते उनसे यह उम्मीद की जाती है कि वह अवांछित लोगों को मंत्री न बनाएं। सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ ने कहा कि हालांकि संविधान का अनुच्छेद 75 (1) प्रधानमंत्री को किसी को भी मंत्री बनाने का अधिकार देता है, लेकिन दागियों को कार्यकारी जिम्मेदारियां नहीं सौंपी जानी चाहिए।...

    नई दिल्ली | सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि हालांकि प्रधानमंत्री को मंत्रिमंडल में किसी व्यक्ति को शामिल करने से रोकने का कोई नियम नहीं है, लेकिन संविधान का नैतिक संरक्षक होने के नाते उनसे यह उम्मीद की जाती है कि वह अवांछित लोगों को मंत्री न बनाएं। सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ ने कहा कि हालांकि संविधान का अनुच्छेद 75 (1) प्रधानमंत्री को किसी को भी मंत्री बनाने का अधिकार देता है, लेकिन दागियों को कार्यकारी जिम्मेदारियां नहीं सौंपी जानी चाहिए।संविधान सभा में हुई बहस का जिक्र करते हुए न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा ने कहा कि देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने कहा था कि बहुत सी बातों को संविधान में नहीं लिखा जा सकता, लेकिन परंपरागत तरीके से उनका अनुपालन किया जाना चाहिए। न्यायालय ने कहा कि संवैधानिक पदाधिकारियों से उम्मीद की जाती है कि लोगों ने उनमें जो भरोसा जताया है, उसे वे बरकरार रखें और लोकतांत्रिक मूल्यों का संवर्धन करें।


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