• अबकी बार आर-पार के जोश में जवान

    चपराल (जम्मू फ्रंटियर) ! 'आर या पार' यह नारा और जोश है उन जवानों में जो देश की रक्षा करने की खातिर सीमा पर डटे हुए हैं। पाकिस्तान क्या समझता है अपने आपको। इस बार तो हम दुनिया के नक्शे से ही उसका नामोनिशान मिटा देंगें, यह भी लक्ष्य है उन सैनिकों का जो सीमा पार बढ़े पाक सेना के जमावड़े के पश्चात सीमा पर तैनात किए गए हैं। जम्मू फ्रंटियर की अंतरराष्ट्रीय सीमा की इस चौकी पर एक दूसरे को ललकारने का कार्य भी जारी है। पाकिस्तानी सीमा चौकी की दूरी मात्र 150 गज। Óअब बहुत हो गया। इस बार तो हमें आर-पार की लड़ाई लडऩी होगी। ...

    सीमा पर पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं भारतीय जवानचपराल (जम्मू फ्रंटियर) !   'आर या पार' यह नारा और जोश है उन जवानों में जो देश की रक्षा करने की खातिर सीमा पर डटे हुए हैं। पाकिस्तान क्या समझता है अपने आपको। इस बार तो हम दुनिया के नक्शे से ही उसका नामोनिशान मिटा देंगें, यह भी लक्ष्य है उन सैनिकों का जो सीमा पार बढ़े पाक सेना के जमावड़े के पश्चात सीमा पर तैनात किए गए हैं। जम्मू फ्रंटियर की अंतरराष्ट्रीय सीमा की इस चौकी पर एक दूसरे को ललकारने का कार्य भी जारी है। पाकिस्तानी सीमा चौकी की दूरी मात्र 150 गज।  Óअब बहुत हो गया। इस बार तो हमें आर-पार की लड़ाई लडऩी होगी। अगर हम ऐसे ही हिम्मत हारते गए गए जवानों का जोश ठंडा पड़ जाएगा। यही कारण है कि ऊपर के आदेशों के बाद भी हम संयम को कभी-कभी तोड़ देते हैं, चौकी पर तैनात एक अधिकारी ने कहा था। ऐसी भावना के पीछे के ठोस कारण भी हैं। पाकिस्तान की उकसावे वाली गतिविधियां, सीमा पार तैनात जवानों की संख्या में बढ़ौतरी, बख्तरबंद वाहनों के जमावड़े ने परिस्थितियों को भयानक बनाया है। इतना भयानक कि युद्ध का साया सारी सीमा पर मंडराने लगा है। हालांकि इस साए के तले नागरिक भी आ गए हैं जो सुरक्षित स्थानों पर जान बचाने की दौड़ लगा रहे हैं। परंतु सैनिकों के लिए ऐसा नहीं है। बंकरों और खंदकों की आड़ में वे पाक गोलियों का जवाब गोलियों से ही देते हैं। अक्सर पाक सेना अंतरराष्ट्रीय सीमा की शांति को मोर्टार के गोलों के धमाकोंं से भी भंग करती है। परंतु भारतीय पक्ष मोर्टार का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय सीमा पर नहीं करता। आखिर क्यों भारतीय सेना मोर्टार का जवाब मोर्टार से नहीं देती। बराबर का जवाब न दे पाने का अफसोस सैनिकों को भी है। अगर दुश्मन एक थप्पड़ मारता है तो हमें उसके बदले चार मारने की इजाजत होनी चाहिए। यही तरीका है शत्रु का हौंसला तोडऩे और अपने जवानों का मनोबल बढ़ाने का, बंकर के पीछे एमएमजी को संभालने वाले जवान ने असंतोष भरे शब्दों में कहा था। सच्चाई यह थी कि पाक सैनिक रेंजरों का स्थान ले चुके हैं और वे उकसाने वाली कार्रवाई के तहत भारतीय सैनिक तथा असैनिक ठिकानों पर मोर्टार दाग रहे हैं। यह बात अलग है कि भारतीय पक्ष इस उकसावे में नहीं आता। परंतु मनोबल में कमी आती है इतना जरूर है। चौकी पर तैनात चौकी कमांडर के बकौल पाकिस्तान ने युद्ध के बादलोंं को सीमा पर मंडराया है। हम उन पर हमले तो करते हैं लेकिन वे बच कर निकल जाते हैं। वैसे जीरो लाइन से करीब आधा किमी पीछे दोहरी रक्षा खाई के बीच वाले क्षेत्र में पाक सेना और वायुसेना के तथाकथित युद्धाभ्यास पर सैनिक नजरें अवश्य गढ़ाए हुए हैं। नजरें भी ऐसी कि आर पार के जोश में उनकी दृष्टि कई गुणा अधिक हो गई है।पाकिस्तानी सेना ने 1971 के बाद पहली बार इतनी भीषण और लंबे समय तक गोलाबारी और फायरिंग की है। पाकिस्तान की  सीमा पर चौकियों के पास आतंकवादियों ने पनाह ले रखी है जो हर समय भारत में घुसपैठ की फिराक में बैठे हैं। हमारे सैनिक भी सतर्क हैं और वे इन कोशिशों को सफलतापूर्वक नाकाम कर रहे हैं। डीके पाठक, महानिदेशक बीएसएफ

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