नई दिल्ली | जम्मू एवं कश्मीर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कड़ा रुख अपनाने का आरोप लगाते हुए अलगाववादी संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के नेता यासिन मलिक ने अलगाववादी अभियान को और तेज करने की शपथ ली। रजत शर्मा के टीवी शो 'आपकी अदालत' में मलिक ने कहा, "मोदी का संदेश बेहद साफ है। वह राजनीतिक या कूटनीतिक तौर पर हमें (अलगाववादी) कोई तवज्जो नहीं देना चाहते हैं। वह कुछ इसी तरह का माहौल बनाना चाहते हैं।"मलिक ने कहा, "भारत के लोगों ने मोदी को प्रधानमंत्री चुना है। उन्होंने अब कड़ा रुख अख्तियार करने का फैसला लिया है। हम कश्मीर में उसका सामना करने के लिए तैयार हैं। अपने आंदोलन को हमलोग मजबूत करेंगे।"उन्होंने कहा, "यह हमारे लिए परीक्षा की घड़ी है। अल्लाह के शुक्र से हम इस परीक्षा को पास करेंगे।" हुर्रियत कांफ्रेंस के नेता सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारुक और शब्बीर शाह ने नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायुक्त से मुलाकात की थी, जिसके बाद बड़ा राजनीतिक बवाल हुआ। इसकी वजह से ही इस्लामाबाद में होने वाली भारत-पाकिस्तान के बीच प्रस्तावित सचिव स्तरीय वार्ता को भारत ने रद्द कर दिया। मलिक ने कहा, "यह कहना गलत होगा कि हमारी वजह से वार्ता रद्द हुई। इसके विपरीत हमलोग शांति प्रक्रिया को और मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि सभी पक्ष अपने विचार व्यक्त कर सकें।"मोदी को हमारा यह संदेश है कि भले ही वह अच्छा शासन देने में सफल हो जाएं, लेकिन अपने कड़े रुख से हमारे आंदोलन को कुचल नहीं सकते। उन्होंने कहा, "अपने भविष्य का फैसला करना हमारा लोकतांत्रिक और कानूनी अधिकार है। कश्मीर मुद्दे पर होने वाली किसी भी वार्ता में कश्मीरियों को शामिल करना होगा।"