• कन्नड के मशहूर लेखक अनंतमूर्ति का निधन

    बेंगलुरु ! साहित्य अकादमी के पूर्व अध्यक्ष एवं ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित कन्नड के मशहूर लेखक यूआर अनंतमूर्ति का शुक्रवार को यहां निधन हो गया। वह 82 वर्ष के थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लेखकों ने अनंतमूर्ति के निधन पर शोक जताया है। अनंतमूर्ति के परिवार में पत्नी ईस्तर पुत्र शरत और बेटी अनुराधा है। केरल के महात्मा गांधी विश्वविद्यालय के कुलपति रहे अनंतमूर्ति को गुर्दे खराब होने के कारण दो सप्ताह पहले शहर के मणिपाल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अनंतमूर्ति की हालत बिगडऩे पर शुक्रवार को उन्हें आईसीयू में स्थानांतरित किया गया था। मणिपाल अस्पताल के चिकित्सा निदेशक सुर्दशन बल्लाल ने बताया कि अनंतमूर्ति के दोनों गुर्दे खराब हो गए थे और वह उच्च रक्तचाप से भी पीडि़त थे। उन्होंने बताया कि डाक्टरों की एक टीम ने उन्हें बचाने के प्रयास किया लेकिन शाम उन्होंने दम तोड़ दिया। प्रधानमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि अनंतमूर्ति का निधन कन्नड़ साहित्य की क्षति है। ...

    प्रधानमंत्री समेत साहित्य जगत ने व्यक्त किया शोक गुर्दा खराब होने के कारण अस्पताल में थे भर्ती  लगातार उच्च रक्तचाप से भी थे पीडि़तबेंगलुरु !   साहित्य अकादमी के पूर्व अध्यक्ष एवं ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित कन्नड के मशहूर लेखक यूआर अनंतमूर्ति का शुक्रवार को यहां निधन हो गया। वह 82 वर्ष के थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लेखकों ने अनंतमूर्ति के निधन पर शोक जताया है। अनंतमूर्ति के परिवार में पत्नी ईस्तर पुत्र शरत और बेटी अनुराधा है। केरल के महात्मा गांधी विश्वविद्यालय के कुलपति रहे अनंतमूर्ति को गुर्दे खराब होने के कारण दो सप्ताह पहले शहर के मणिपाल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अनंतमूर्ति की हालत बिगडऩे पर शुक्रवार को उन्हें आईसीयू में स्थानांतरित किया गया था। मणिपाल अस्पताल के चिकित्सा निदेशक सुर्दशन बल्लाल ने बताया कि अनंतमूर्ति के दोनों गुर्दे खराब हो गए थे और वह उच्च रक्तचाप से भी पीडि़त थे। उन्होंने बताया कि डाक्टरों की एक टीम ने उन्हें बचाने के प्रयास किया लेकिन शाम उन्होंने दम तोड़ दिया। प्रधानमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि अनंतमूर्ति का निधन कन्नड़ साहित्य की क्षति है। मोदी ने कहा है कि वह इस दुख की घड़ी में अनंतमूर्ति के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि  ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे। इस वर्ष हुए लोकसभा चुनाव से पहले अनंतमूर्ति मोदी के प्रधानमंत्री के रूप में निर्वाचित होने के पक्ष में नहीं थे। उनका कहना था कि यदि मोदी प्रधानमंत्री के रूप में निर्वाचित होते हैं तो वह देश छोड़ देंगे।  अनंतमूर्ति के इस बयान से एक नया विवाद पैदा हो गया था। अनंतमूर्ति के निधन पर लेखकों ने गहरा शोक व्यक्त किया है।  साहित्य अकादमी के अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद तिवारी ने गुवाहाटी से अपने जारी शोक संदेश में अनंतमूर्ति के निधन को देश में भारतीय भाषाओं की क्षति बताया है।

अपनी राय दें