• यमुना एक्सप्रेस-वे के किसानों को मिलेगा अतिरिक्त मुआवजा

    ग्रेटर नोएडा ! ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तर्ज पर यमुना एक्सप्रेस-वे के किसानों को 64.7 फसदी अतिरिक्त मुआवजा मिलेगा। उप्र मंत्रिपरिषद ने शुक्रवार को इस फैसले पर मुहर लगा दी है। कैबिनेट के इस फैसले से यमुना एक्सप्रेस-वे के किसानों की कई सालों से चली आ रही मांग पूरी हो गई है। साथ ही किसानों की बल्ले-बल्ले हो गई है। किसानों को अतिरिक्त मुआवजा देने पर यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण पर छह हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा। प्राधिकरण यह भार अपने आबंटियों पर भी डलेगा। उनसे अतिरिक्त पैसा वसूल करेगा।...

    किसानों के हित में उत्तर प्रदेश सरकार का अहम फैसलाग्रेटर नोएडा !  ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तर्ज पर यमुना एक्सप्रेस-वे के किसानों को 64.7 फसदी अतिरिक्त मुआवजा मिलेगा। उप्र मंत्रिपरिषद ने शुक्रवार को इस फैसले पर मुहर लगा दी है। कैबिनेट के इस फैसले से यमुना एक्सप्रेस-वे के किसानों की कई सालों से चली आ रही मांग पूरी हो गई है। साथ ही किसानों की बल्ले-बल्ले हो गई है। किसानों को अतिरिक्त मुआवजा देने पर यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण पर छह हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा। प्राधिकरण यह भार अपने आबंटियों पर भी डलेगा। उनसे अतिरिक्त पैसा वसूल करेगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के किसानों की याचिका पर 21 अक्टूबर 2011 को फैसला दिया था कि किसानों को 64.7 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा व दस फ ीसदी विकसित भूखंड दिया जाएगा। यमुना एक्सप्रेस-वे के किसान भी ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर अतिरिक्त मुआवजा की मांग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया था। अतिरिक्त मुआवजे को लेकर किसानों को हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी। किसानों ने अपनी मांगों को लेकर प्राधिकरण व बिल्डरों का निर्माण कार्य बंद करा दिया था। किसानों की मांग को देखते हुए यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण ने किसानों को अतिरिक्त मुआवजा देने का फैसला लिया। यह प्रस्ताव उप्र शासन को भेज दिया था। पिछले एक साल यह मामला शासन स्तर पर अटका हुआ था। उप्र कैबिनेट की बैठक में शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर  यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में भी भूमि अधिग्रहण से प्रभावित काश्तकारों से आउट ऑफ  कोर्ट समस्या का समाधान करने हेतु प्राधिकरण को 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त प्रतिकर देने की अनुमति प्रदान कर दी है। अतिरिक्त प्रतिकर की धनराशि संबंधित आबंटियों से अनुपातिक रूप से कर ली जाएगी तथा प्राधिकरण के पास उपलब्ध आबंटन योग्य भूमि के आबंटन दर निर्धारण में भी इसे अनुपातिक रूप में अधिरोपित किया जाएगा। प्राधिकरण द्वारा आपसी सहमति के आधार पर बैनामा द्वारा सीधे क्रय की गई भूमि के भू-स्वामियों को भी उक्त हित लाभ दिए जाएंगे। प्राधिकरण की वित्तीय स्थिति के दृष्टिगत यदि एकमुश्त रूप में अतिरिक्त धनराशि का भुगतान संभव न हो सके, तो किश्तों में अथवा विकसित भूमि के रूप में भुगतान किए जाने पर भी विचार किया जा सकेगा। भू-स्वामियों द्वारा प्राधिकरण को भूमि का भौतिक कब्जा सौंपने तथा किसी भी न्यायालय में विचाराधीन रिट याचिका/वाद को वापस लेने, प्राधिकरण के तथा आबंटियों के विकास कार्यों में भविष्य में भी कोई बाधा उत्पन्न न करने तथा भविष्य में भी भूमि अर्जन के विरुद्ध कोई भी वाद किसी न्यायालय में योजित न किए जाने का अनुबंध पत्र प्रस्तुत करने पर ही अतिरिक्त प्रतिकर दिया जाएगा। अतिरिक्त प्रतिकर पर आने वाला व्यय प्राधिकरण द्वारा अपने स्रोतों से स्वयं वहन किया जाएगा। यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी पीसी गुप्ता ने बताया कि किसानों को अतिरिक्त मुआवजा देने पर आबंटियों पर कितना भार डाला जाएगा इस पर जल्द फैसला लिया जाएगा। 

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