• झीरम घटना :परिवर्तन यात्रा में बदलाव की जानकारी नहीं थी

    जगदलपुर ! झीरम घाट घटना जांच आयोग के समक्ष 22 अगस्त को आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रशांत मिश्रा के समक्ष कोंटा के विधायक एवं कांग्रेस के नेता कवासी लखमा से शासन पक्ष के अधिवक्ता राजीव श्रीवास्तव के द्वारा प्रति प्रश्न भी पूछा गया। इनके साथ ही तत्कालीन बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष प्रेमशंकर शुक्ला का बयान भी दर्ज किया गया। ...

    जांच आयोग के समक्ष कवासी लखमा ने दर्ज कराया बयान  दो गवाहों से पूछे गए प्रति प्रश्न जगदलपुर !   झीरम घाट घटना जांच आयोग के समक्ष 22 अगस्त को आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रशांत मिश्रा के समक्ष कोंटा के विधायक एवं कांग्रेस के नेता कवासी लखमा से शासन पक्ष के अधिवक्ता राजीव श्रीवास्तव के द्वारा प्रति प्रश्न भी पूछा गया। इनके साथ ही तत्कालीन बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष प्रेमशंकर शुक्ला का बयान भी दर्ज किया गया। प्रति प्रश्न करते हुए अधिवक्ता श्री श्रीवास्तव ने विधायक लखमा से पूछा कि परिवर्तन यात्रा कार्यक्रम में संशोधन की जानकारी आप को थी क्या? इस पर लखमा ने कहा कि परिवर्तन यात्रा के संशोधन के विषय में मुझे कोई जानकारी नहीं थी ना ही मुझसे इस विषय में कोई परामर्श लिया गया था। जिस तरह से सुरक्षा गार्ड अपने को बचाकर तोंगपाल थाना पहुंचे उसी तरह आप ने भी तोंगपाल थाना पहुंचने का प्रयास किया क्या। लखमा ने कहा कि उन्होंने श्री पटेल को वहां से निकलने के लिए कहा पर उन्होंने गोलियां चल रही कहते हुए जहां ठहरे थे उसे ही सुरक्षित बताया। सुरक्षा की कमी के विषय में किसी पुलिस अधिकारी को सूचित करने के सवाल पर लखमा ने कहा कि एसपी सुकमा में नहीं थे। एसडीओपी से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि एसपी साहब की जगह सुरक्षा व्यवस्था वे देख रहे हैं। जहां तक सुकमा जिला की सीमा है वहां तक सुरक्षा की व्यवस्था ठीक थी किंतु बस्तर जिला सीमा प्रारंभ होते ही सुरक्षा का इंतजाम नहीं दिखा। इसके पश्चात प्रेमशंकर शुक्ला का बयान दर्ज किया गया। शासकीय अधिवक्ता द्वारा श्री शुक्ला के शपथ पत्र में तथ्यात्मक विवरण नहीं दिए जाने की बात कही गई। जिस पर श्री शुक्ला ने कहा कि आयोग के समक्ष प्रस्तुत होकर अपने बयान को विस्तार पूर्वक रखेंगे, पर यह न्याय प्रक्रिया के तहत स्वीकार्य नहीं होने की बात कही गई। अधिवक्ता द्वारा प्रति परिक्षण में जो बातें सामने आयेगी उसका ही उल्लेख हो सकेगा। कांग्रेस के अधिवक्ता संकल्प दुबे द्वारा आयोग के समक्ष टीएस सिंहदेव, राजेश तिवारी और फूलो नेताम को अपने बयान दर्ज कराने हेतु आयोग के समक्ष उपस्थित होने की अनुमति मांगी गई थी, जो आयोग ने स्वीकार किया। संकल्प दुबे ने आयोग के समक्ष अपनी बात रखते हुए कहा कि सरकार के नोडल अधिकारी दीपांशु कालरा ने अपने शपथ पत्र में कहा है कि घटना के पूर्व, घटना के समय एवं घटना के बाद केन्द्रीय फोर्स के साथ समन्वय बना हुआ था। जिसके चलते उन्हें भी आयोग के समक्ष उपस्थित होकर बयान दर्ज करवाने की व्यवस्था की जाए। सरकार पक्ष के अधिवक्ता द्वारा श्री लखमा से किए जा रहे प्रति प्रश्न के दौरान कांग्रेस के अधिवक्ता  संकल्प दुबे ने आयोग के समक्ष प्रश्न किया कि अधिवक्ता क्या प्रश्न कर रहे हैं यह समक्ष में नहीं आ रहा है। यह तो एक चर्चा की तरह प्रतित हो रहा है। इस पर आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रशांत मिश्रा ने भी यही कहा कि यह सारे तथ्य पूर्व के बयान में भी आ चुके है। आयोग की कार्रवाई के चलते कम्प्यूटर भी खराब हो गया। जिसे सुधारने में भी लगभग 1 घंटे का समय लगा। कम्प्यूटर इंजीनियर द्वारा आयोग में पहुंचकर कम्प्यूटर को सुधारा गया। उसके पश्चात आगे की कार्रवाई शुरू हो पाई। तब तक श्री लखमा भी अपने बयान पर हस्ताक्षर करने इंतजार करते रहे।

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