• 'कुम्भ हादसे के लिए रेलवे, प्रशासन व परिवहन निगम जिम्मेदार'

    लखनऊ ! उत्तर प्रदेश की संगम नगरी इलाहाबाद में पिछले वर्ष कुम्भ के दौरान इलाहाबाद जंक्शन रेलवे स्टेशन पर हुए हादसे की जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। रिपोर्ट में कुम्भ हादसे के लिए रेलवे के साथ ही स्थानीय प्रशासन व परिवहन निगम को जिम्मेदार ठहराया गया है। सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति ओंकारेश्वर भट्ट ने प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक को हादसे से सम्बंधित अपनी रिपोर्ट 14 अगस्त को ही सौंप दी थी। इस रिपोर्ट को गुरुवार को सार्वजनिक किया गया।...

    लखनऊ !   उत्तर प्रदेश की संगम नगरी इलाहाबाद में पिछले वर्ष कुम्भ के दौरान इलाहाबाद जंक्शन रेलवे स्टेशन पर हुए हादसे की जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। रिपोर्ट में कुम्भ हादसे के लिए रेलवे के साथ ही स्थानीय प्रशासन व परिवहन निगम को जिम्मेदार ठहराया गया है। सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति ओंकारेश्वर भट्ट ने प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक को हादसे से सम्बंधित अपनी रिपोर्ट 14 अगस्त को ही सौंप दी थी। इस रिपोर्ट को गुरुवार को सार्वजनिक किया गया।राज्य सरकार ने इसकी जांच के लिये एक सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था। न्यायमूर्ति भट्ट ने राज्यपाल को प्रस्तुत अपनी जांच रिपोर्ट में भीड़ प्रबन्धन न कर पाने के लिये रेलवे प्रशासन के अधिकारियों, पुलिस व स्थानीय प्रशासन तथा उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के अधिकारियों को जिम्मेदार बताया है।आयोग ने अपनी जांच में पाया है कि रेलवे प्रशासन इस बात का कोई स्पष्ट पूर्वानुमान नहीं लगा पाया था कि मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर उसको कितनी बड़ी संख्या में यात्रियों को अपने गन्तव्य तक आने-जाने की व्यवस्था करनी थी। रिपोर्ट के मुताबिक इस दिन इलाहाबाद रेलवे स्टेशन से भीड़ को विभिन्न शहरों के लिये ले जाने के लिए अपर्याप्त रेलगाड़ियां लगाई गईं थी। स्टेशन से प्रत्येक आधे घंटे पर एक 'मेला स्पेशल ट्रेन' चलाये जाने का घोषणा की गई थी परन्तु इसका पालन नहीं किया गया।रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ रेलगाड़ियां उन प्लेटफार्मो पर नहीं लगाई गई जहां के लिए घोषणा की गई थी। इससे भी यात्रियों में आपाधापी और भगदड़ की स्थिति बनी। रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम को 6000 बसें चलाने का उत्तरदायित्व दिया गया था, जिसका निर्वहन निगम द्वारा नहीं किया गया, जिसके फलस्वरूप भीड़ का पूरा दबाव रेलवे स्टेशनों पर ही पड़ा। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पुलिस व स्थानीय प्रशासन द्वारा अचानक बढ़ी हुई भीड़ के डाइवर्जन की जो व्यवस्था की गई थी उसका सम्यक अनुपालन सुनिश्चित नहीं किया गया। रेलवे स्टेशन पर ओवर ब्रिजों पर भीड़ के आवागमन के लिए एक तरफ से निकालने का प्रबंध नहीं किया गया जिससे आने-जाने वाली भीड़ में धक्का-मुक्की व भगदड़ हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन्ही सब कारणों की वजह से ही दुर्घटना घटित हुई जिसके लिए प्रमुख रूप से रेलवे प्रशासन के अधिकारी, पुलिस व स्थानीय प्रशासन के अधिकारी तथा उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में अधिकारी जिम्मेदार हैं।राज्यपाल ने इस जांच रिपोर्ट की प्रति प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह तथा रेल मंत्री, डीवी सदानन्द गौड़ा को भेजने का निर्देश दिया है। महाराष्ट्र के नासिक में आगामी कुम्भ के आयोजन को ध्यान में रखते हुए इस रिपोर्ट की एक प्रति महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को भी भेजने का निर्देश राज्यपाल ने दिया है, ताकि सुझाव का लाभ वहां के प्रशासन को भी मिल सके।उल्लेखनीय है कि वर्ष 2013 में इलाहाबाद में 10 फरवरी कुम्भ मेला के दौरान इलाहाबाद जंक्शन रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म संख्या 4 व 6 पर श्रद्घालुओं की भीड़ अधिक हो जाने से बड़ा हादसा हो गया था, जिसमें 38 श्रद्घालुओं की मृत्यु हो गई थी तथा 47 लोग घायल हुए थे।

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