• उप्र : बाढ़ का कहर जारी, लाखों लोग प्रभावित

    उत्तर प्रदेश में आई बाढ़ का कहर अभी जारी है। बाढ़ की वजह से मरने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इस बीच प्रशासन की ओर से बाढ़ प्रभावित इलाकों में युद्घस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य जारी हैं। बिजनौर, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, बहराइच, बलरामपुर, बस्ती, गोंडा, बाराबंकी, फैजाबाद, श्रावस्ती, अयोध्या, महाराजगंज, सिद्घार्थ नगर, गोरखपुर, मऊ और कुशीनगर जिले बाढ़ की चपेट में हैं। ...

    लखनऊ | उत्तर प्रदेश में आई बाढ़ का कहर अभी जारी है। बाढ़ की वजह से मरने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इस बीच प्रशासन की ओर से बाढ़ प्रभावित इलाकों में युद्घस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य जारी हैं। बिजनौर, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, बहराइच, बलरामपुर, बस्ती, गोंडा, बाराबंकी, फैजाबाद, श्रावस्ती, अयोध्या, महाराजगंज, सिद्घार्थ नगर, गोरखपुर, मऊ और कुशीनगर जिले बाढ़ की चपेट में हैं। सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि बाढ़ से बहराइच में अब तक सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं। यहां अब तक 32 लोग मौत के मुंह में समा चुके हैं। इसके अलावा लखीमपुर खीरी में 15, सीतापुर में आठ, श्रावस्ती में 12, बलरामपुर में नौ और बाराबंकी में दो लोगों की मौत हो चुकी है। बाराबंकी के रामनगर के पास एनएच-28 का करीब 500 मीटर का हिस्सा पानी में डूब चुका है। इससे यातायात-व्यवस्था ठप हो गई है। बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती और गोंडा में सबसे ज्यादा तबाही मची है। इन चार जिलों का लखनऊ से संपर्क टूट गया है। इससे राहत कार्य में दिक्कतें आ रही हैं। पानी के तेज बहाव के कारण सड़क और रेलमार्ग बंद हैं। बहराइच में बाढ़ से कुल चार लाख लोग प्रभावित हुए हैं। उनके घर डूब गए हैं। अन्य जिलों से संपर्क टूट जाने के कारण यहां के लोगों तक राहत सामग्री नहीं पहुंच पा रही है। बाढ़ के चलते यहां महामारी फैलने की भी ज्यादा आशंका है।बाढ़ की चपेट में आने से सैकड़ों लोग अब भी लापता हैं। एक हजार से ज्यादा गांव अब भी इसकी चपेट में हैं। अब तक हजारों हेक्टेयर में लगी फसलें बर्बाद हो गई हैं। हजारों मवेशी बाढ़ में बह गए और सैकड़ों मकान ढह गए हैं।बहराइच जिले के 220 गांवों के 1206 मजरों (उपग्रामों) की चार लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। एनडीआरएफ, बाढ़ पीएसी, एसएसबी, पुलिस, राजस्वकर्मी और समाजसेवी संगठनों की मदद से राहत और बचाव कार्य तेजी से किया जा रहा है।घाघरा नदी खतरे के निशान से 107 सेमी ऊपर बह रही है। इससे बाढ़ से अछूते रहे क्षेत्रों के लोग भी दहशत में हैं और पलायन की तैयारी कर रहे हैं। बाढ़ से निपटने के लिए वायु सेना की मदद ली जा रही है। दो एमआई 17 विमानों से राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। हेलीकॉप्टर की मदद से भी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। प्रशासन द्वारा दर्जनों स्टीमर और सैकड़ों नावों की सहायता से भी लोगों की मदद की जा रही है। कुछ जगहों पर हालांकि मंगलवार से ही बाढ़ का पानी घट रहा है, लेकिन अब महामारी फैलने की आशंका को लेकर लोग दहशत में हैं। मुख्य सचिव आलोक रंजन ने सभी जिम्मेदार लोगों को मुस्तैद रहने का निर्देश दिया है।


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