• पाकिस्तान में संसद के समक्ष प्रदर्शन, इमरान व कादरी को नोटिस

    इस्लामाबाद ! पाकिस्तान में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान और पाकिस्तान आवामी तहरीक के प्रमुख ताहिर-उल-कादरी के नेतृत्व में सरकार विरोधी प्रदर्शन बुधवार को सातवें दिन भी जारी रहा। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के इस्तीफे की मांग करते हुए बुधवार को हजारों प्रदर्शनकारियों ने संसद एवं सरकारी भवनों के समक्ष प्रदर्शन किया। इमरान और कादरी का कहना है कि पिछले साल हुआ आम चुनाव धोखा है और ऐसे में नवाज शरीफ को इस्तीफा देना चाहिए। इस बीच इमरान ने सरकार के बातचीत के प्रस्ताव को स्वीकार किया लेकिन उन्होंने शर्त लगा दी कि जब तक शरीफ इस्तीफा नहीं देते तब कोई बातचीत नहीं होगी। ...

    इस्लामाबाद !  पाकिस्तान में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान और पाकिस्तान आवामी तहरीक के प्रमुख ताहिर-उल-कादरी के नेतृत्व में सरकार विरोधी प्रदर्शन बुधवार को सातवें दिन भी जारी रहा। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के इस्तीफे की मांग करते हुए बुधवार को हजारों प्रदर्शनकारियों ने संसद एवं सरकारी भवनों के समक्ष प्रदर्शन किया। इमरान और कादरी का कहना है कि पिछले साल हुआ आम चुनाव धोखा है और ऐसे में नवाज शरीफ को इस्तीफा देना चाहिए। इस बीच इमरान ने सरकार के बातचीत के प्रस्ताव को स्वीकार किया लेकिन उन्होंने शर्त लगा दी कि जब तक शरीफ इस्तीफा नहीं देते तब कोई बातचीत नहीं होगी। उधर पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को पाकिस्तान इमरान खान और ताहिर-उल-कादरी को प्रतिबंधित क्षेत्रों में गैरकानूनी और अवैधानिक तरीके से घुसपैठ करने पर पाबंदी लगा दी।सर्वोच्च न्यायालय में यह याचिका लाहौर उच्च न्यायालय के मुल्तान बार एसोसिएशन ने दायर की थी।याची ने अपनी याचिका में इमरान खान और कादरी को प्रतिवादी के रूप में उल्लेख किया था।शीर्ष अदालत ने प्रतिवादियों को संविधान एवेन्यू सहित प्रतिबंधित क्षेत्रों में गैरकानूनी और अवैधानिक तरीके से घुसपैठ करने से रोक दिया है। जिन क्षेत्रों में दोनों नेताओं को घुसने पर प्रतिबंध लगाया गया है वहां शीर्ष सरकारी कार्यालयों के अलावा दूसरे मुल्कों के दूतावास भी स्थित हैं।याचिका में दोनों पर किसी प्रकार का मार्च करने, धरना देने और सविनय अवज्ञा करने और किसी भी प्रकार से सार्वजनिक शांति एवं व्यवस्था भंग करने पर रोक लगाने की मांग की गई थी।अदालत ने कहा कि हर नागरिक को संविधान के प्रवाधानों के अनुसार प्रदर्शन करने की तब तक इजाजत है जब तक कि उससे दूसरे नागरिकों के लिए मुश्किल न पैदा होती हो।पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश नसीरुल मुल्क ने याचिका मंजूर की। इससे पहले पकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार के साथ 2013 के आम चुनावों में हुई कथित हेराफेरी के मुद्दे पर बातचीत के लिए तैयार हो गई थी। पीटीआई के वरिष्ठ नेता शाह महमूद कुरैशी ने बताया कि उनकी पार्टी सरकार के साथ बातचीत के लिए तैयार है।कुरैशी ने कहा, "हम आशा करते हैं कि सरकार हमारी मांगों को गंभीरता से लेगी।"उन्होंने कहा, "हमारी रणनीति साफ है। हम लोकतंत्र को मजबूत बनाना चाहते हैं, न कि इसे कमजोर करना चाहते हैं, जैसा कि हमारे बारे में धारणा बनाई जा रही है।"कुरैशी ने कहा कि पीटीआई के पास छह सूत्री एजेंडा है, जिसे बातचीत में रखा जाएगा। उन्होंने हालांकि इस बारे में मीडिया को बताने से साफ मना कर दिया।उन्होंने कहा, "हमारी राय स्पष्ट है। हम शांतिपूर्ण तरीके से रहना चाहते हैं।"इससे पहले, पाकिस्तान अवामी तहरीक (पीएटी) प्रमुख मौलाना ताहिर उल-कादरी ने अपने समर्थक प्रदर्शकारियों से संसद भवन घेरने की अपील की। हालांकि उन्होंने नेशनल एसेंबली की पवित्रता बरकरार रखने का भी आग्रह किया।कादरी ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति सेना पर हमला करता है, तो उसका पार्टी से या उनसे कोई संबंध नहीं रहेगा। उन्होंने समर्थकों से कहा, "यदि सेना से आपका सामना होता है, तो उनके पक्ष में नारे लगाएं।"इस बीच, पाकिस्तान की सेना ने बुधवार को देश में चल रहे राजनीतिक संकट का हल निकालने के लिए वार्ता की पेशकश की।समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल असीम बाजवा ने कहा कि इस समय धर्य, अक्लमंदी और दूरदर्शिता से काम लेने की जरूरत है। उन्होंने राष्ट्रीय और जन हित को ध्यान में रखते हुए जारी गतिरोध का हल ढूंढ़ने के लिए अर्थपूर्ण वार्ता की बात की। इमरान के नेतृत्व में सरकार विरोधी मार्च गुरुवार को लाहौर से शुरू हुआ और करीब 36 घंटे बाद मार्च में शामिल लोग इस्लामाबाद पहुंचे।

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