• कालाधन मामला :एसआईटी की रिपोर्ट से सर्वोच्च न्यायालय संतुष्ट

    नई दिल्ली । विदेशी बैंकों में जमा काले धन को वापस लाने की कवायद के तहत मोदी सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अपनी पहली रिपोर्ट बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय को सौंप दी। शीर्ष अदालत ने एसआईटी की रिपोर्ट स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति एमबी शाह के नेतृत्व में एसआईटी द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। न्यायालय ने प्रथम प्रगति रिपोर्ट को संबंधित मामले के रिकॉर्ड में शामिल करते हुए एसआईटी को दो माह के भीतर दूसरी प्रगति रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। ...

     अदालत ने एसआईटी के प्रयासों को सराहा  दूसरी प्रगति रिपोर्ट जल्द पेश करने का आदेश अदालत ने सरकार के विरुद्ध नहीं की कोई टिप्पणी नई दिल्ली । विदेशी बैंकों में जमा काले धन को वापस लाने की कवायद के तहत मोदी सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अपनी पहली रिपोर्ट बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय को सौंप दी। शीर्ष अदालत ने एसआईटी की रिपोर्ट स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति एमबी शाह के नेतृत्व में एसआईटी द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। न्यायालय ने प्रथम प्रगति रिपोर्ट को संबंधित मामले के रिकॉर्ड में शामिल करते हुए एसआईटी को दो माह के भीतर दूसरी प्रगति रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एमबी शाह की अध्यक्षता वाले एसआईटी ने गत दो जून को अपनी पहली बैठक की थी। उसके बाद पिछले दो माह में उसके सदस्यों ने अलग-अलग विभागों और एजेंसियों से मुलाकात करके कालेधन के विभिन्न पहलुओं की जांच की थी। न्यायालय ने मामले के याचिकाकर्ता पूर्व कानून मंत्री राम जेठमलानी को कालाधन वापस लाने से संबंधित उपायों को लेकर एसआईटी से बातचीत करने की अनुमति दे दी। पिछले कई साल से इस मामले की सुनवाई सर्वोच्च न्यायालय में हो रही है और पिछली सरकार की उदासीनता को लेकर हर बार शीर्ष अदालत को कुछ न कुछ टिप्पणी करनी पड़ती थी। ऐसा पहली बार हुआ है कि अदालत ने इस मुद्दे पर सरकार के विरुद्ध कोई टिप्पणी नहीं की। एसआईटी के गठन को लेकर कई साल तक पूर्ववर्ती सरकार टालमटोल करती रही थी लेकिन नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गठित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने सत्ता में आने के चंद घंटों के भीतर ही एसआईटी का गठन कर दिया था। न्यायमूर्ति शाह के नेतृत्व में गठित एसआईटी के उपाध्यक्ष हैं। 

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