• अरुणाचल में सबसे ऊंचाई पर बनेगा बाघ रिजर्व

    नई दिल्ली ! राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण अरुणाचल प्रदेश में सबसे अधिक ऊंचाई पर दिबांग वन्य जीव अभयारण्य में बाघ रिजर्व बनाने का विचार कर रहा है। चीन की सीमा से लगे दिबांग वन्य जीव अभयारण्य की अंगरिम घाटी में पिछले साल बाघ के चार बच्चे देखे गए थे। वन अधिकारियों ने इनमें से तीन को पकड़ लिया। बाद में इनमें से एक की कुपोषण के कारण मौत हो गई और दो को ईटानगर चिडिय़ाघर में रखा गया है।...

    वन्य जीवों के संरक्षण पर सरकार का जोर नई दिल्लीराष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण अरुणाचल प्रदेश में सबसे अधिक ऊंचाई पर दिबांग वन्य जीव अभयारण्य में बाघ रिजर्व बनाने का विचार कर रहा है। चीन की सीमा से लगे दिबांग वन्य जीव अभयारण्य की अंगरिम घाटी में पिछले साल बाघ के चार बच्चे देखे गए थे। वन अधिकारियों ने इनमें से तीन को पकड़ लिया। बाद में इनमें से एक की कुपोषण के कारण मौत हो गई और दो को ईटानगर चिडिय़ाघर में रखा गया है।आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि देहरादून के भारतीय वन्य जीव संस्थान ने दिबांग वन्य जीव अभयारण्य में बाघ होने की पुष्टि कर दी है और इस संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण को सौंप दी है। इसके लिए सर्वेक्षण इस वर्ष फरवरी-मार्च में किया गया था और कहा गया था कि क्षेत्र में बाघ और उनके शिकार के लिए पर्याप्त जीव जंतु मौजूद हैं। इसी रिपोर्ट के आधार पर राज्य वन विभाग को इस संबंध में एक प्रस्ताव पेश करने को कहा गया है। सूत्रों ने कहा, राज्य वन विभाग क्षेत्र को बाघ रिजर्व घोषित करने की प्रक्रिया इस नवंबर में शुरू कर देगा और इसे छह महीने में पूरा कर लिया जाएगा। यह अरुणाचल प्रदेश में तीसरा बाघ रिजर्व होगा। इससे पहले राज्य में नामडाफा और नामेरी बाघ रिजर्व हैं। पूर्वोत्तर में नामडाफा और पक्के के अलावा काजीरंगा, मानस और नामेरी वन्य जीव अभयारण्य हैं। राष्ट्रीय वन्य जीव संस्थान की रिपोर्ट में कहा गया है कि  दिबांग वन्य जीव अभयारण्य में बाघ और उसक शिकार पर किए गए शुरूआती सर्वेक्षण में क्षेत्र में बाघ की मौजूदगी की पुष्टि हुई है। अभयारण्य का क्षेत्र लगभग 4000 वर्ग किलोमीटर है। इसके अलावा कैमरों में भी क्षेत्र में वयस्क बाघ के फोटो आए हैं। सर्वेक्षण में कहा गया है कि यह बाघ रिर्जव देश में सबसे ऊंचाई पर स्थित होगा।     सूत्रों ने बताया कि दिबांग अभयारण्य में तकरीबन 11 बाघों के पंजों के निशान देखे गए हैं। अरूणाचल प्रदेश में बाघ की आबादी मूल रूप से नामडाफा और पक्के रिजर्व में ही मानी जाती है लेकिन जानकारों का कहना है कि बाघों के लिए पूरे प्रदेश में सर्वेक्षण किया जाना चाहिए। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक अरूणाचल प्रदेश में बाघों की संख्या 17 हैं जबकि वन विभाग का मानना है कि राज्य में इनकी संख्या 40 से 50 तक हो सकती है। अरूणाचल प्रदेश में नामडाफ एक मात्र बाघ रिर्ज है जहां बाघ की चार प्रजातियां बाघ, गुलदार, हिम तेंदुआ और धब्बेदार तेंदुआ पाए जाते हंै।

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