• मौकापरस्त हैं कपिलदेव : नरिदर बत्रा

    नई दिल्ली ! हॉकी खिलाड़ियों को अर्जुन पुरस्कार न दिए जाने से नाराज हॉकी इंडिया (एचआई) के महासचिव नरिंदर बत्रा ने बुधवार को अर्जुन अवार्ड चयन समिति के अध्यक्ष एवं भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिलदेव को 'अवसरवादी' बताया। बत्रा ने कहा, "कपिल ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से विद्रोह कर एक नया लीग टूर्नामेंट शुरू किया और उससे खूब रुपये बनाए।"...

    नई दिल्ली !   हॉकी खिलाड़ियों को अर्जुन पुरस्कार न दिए जाने से नाराज हॉकी इंडिया (एचआई) के महासचिव नरिंदर बत्रा ने बुधवार को अर्जुन अवार्ड चयन समिति के अध्यक्ष एवं भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिलदेव को 'अवसरवादी' बताया। बत्रा ने कहा, "कपिल ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से विद्रोह कर एक नया लीग टूर्नामेंट शुरू किया और उससे खूब रुपये बनाए।"बत्रा ने आगे कहा, "बीसीसीआई ने आखिर 1983 की विश्व कप विजेता टीम के सदस्यों को पुरस्कार स्वरूप और पेंशन के रूप में अच्छी रकम देने की घोषणा की। अगर आप बीसीसीआई के विरोधी ही थे तो वह रकम न लेते। मुझे अच्छी तरह पता है कि बीसीसीआई में अपनी वापसी के लिए आपने किन-किन लोगों से संपर्क किया। उन्हें तो सिर्फ मौकापरस्त ही कहा जा सकता है।"बत्रा ने कहा कि भारत को पहला आईसीसी विश्व कप दिलाने वाले कपिलदेव ने उनसे पुराना हिसाब चुकाते हुए सात हॉकी खिलाड़ियों को अर्जुन पुरस्कार के लिए नहीं चुना, जो इसके हकदार थे।गौरतलब है कि अर्जुन अवार्ड की घोषणा के बाद से ही छिड़े विवाद के कारण चयन समिति ने चयनित खिलाड़ियों की समीक्षा के लिए मंगलवार को दोबारा बैठक की। समिति ने हालांकि पुरस्कार के लिए पहले से निर्धारित 15 खिलाड़ियों की सूची में कोई बदलाव न करने का फैसला किया।बत्रा ने बुधवार को एक वक्त्वय जारी कर कहा कि चूंकि उनकी सिफारिश के कारण कपिल की कंपनी 'देव मुस्को' को भुवनेश्वर और हरियाणा के स्टेडियमों में फ्लडलाइट लगाने का ठेका नहीं मिला था, इसलिए कपिल उनसे पुराना हिसाब चुका रहे हैं।बत्रा ने कपिल के उस बयान के लिए उन्हें निशाने पर लिया जिसमें कपिल ने कहा था कि कौन है यह बत्रा? बत्रा ने कहा, "कपिल ने फिरोजशाह कोटला स्टेडियम के पुनर्निर्माण के दौरान कहा था कि कौन है यह बत्रा। वह उस समय स्टेडियम में फ्लडलाइट लगाने का ठेका अपनी कंपनी को दिलवाना चाहते थे। तब उसी बत्रा ने उन्हें बताया था कि ठेका तो जीई, बजाज, फिलिप्स और देव मुस्को में से कम खर्च का दावा करने वाली कंपनी को ही मिलेगा।"

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