• लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद कांग्रेस को देने से इनकार

    नई दिल्ली ! लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद कांग्रेस को देने से इनकार कर दिया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, महाजन ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे पत्र में साफ कर दिया है कि लोकसभा में उनकी पार्टी को विपक्ष के नेता का पद देना संभव नहीं है। लोकसभा में कांगे्रेस के 44 सदस्य हैं जबकि सदन में मुख्य विपक्षी दल के रूप में मान्यता प्राप्त करने के लिए कम से कम 55 सदस्य होने जरूरी हैं। इस संबंध में मंगलवार को स्पीकर ने फैसला किया कि कांग्रेस को नेता विपक्ष का पद नहीं दिया जा सकता। उन्होंने इस फैसले के पीछे संसद में अब तक की परंपरा का हवाला भी दिया। ...

    लोकसभा में नहीं होगा नेता प्रतिपक्ष,कांग्रेस को झटका, अध्यक्ष ने सोनिया को किया सूचितनई दिल्ली !   लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद कांग्रेस को देने से इनकार कर दिया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, महाजन ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे पत्र में साफ कर दिया है कि लोकसभा में उनकी पार्टी को विपक्ष के नेता का पद देना संभव नहीं है। लोकसभा में कांगे्रेस के 44 सदस्य हैं जबकि सदन में मुख्य विपक्षी दल के रूप में मान्यता प्राप्त करने के लिए कम से कम 55 सदस्य होने जरूरी हैं। इस संबंध में मंगलवार को स्पीकर ने फैसला किया कि कांग्रेस को नेता विपक्ष का पद नहीं दिया जा सकता। उन्होंने इस फैसले के पीछे संसद में अब तक की परंपरा का हवाला भी दिया। उन्होंने इस फैसले के पीछे अटार्नी जनरल की राय का भी हवाला दिया। गौर हो कि भारत के अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने भी बीते दिनों कहा था कि कांग्रेस को लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद नहीं मिलना चाहिए। इसके लिए कोरम के बराबर यानी लोकसभा में कम से कम 10 फीसदी सीटें पार्टी के पास होनी चाहिए। महाजन ने सोमवार को कहा था कि नेता विपक्ष के मामले में अध्यक्ष नियमों से बंधा है। हालांकि सदन चाहे तो इस संबंध में नियम बदल सकता है। महाजन ने कहा था कि एक अध्यक्ष से सिर्फ नियमों के पालन की उम्मीद की जाती है। मुझे नियमों के अनुसार, काम करना होगा। गौरतलब है कि पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने इस संबंध में कहा था कि अध्यक्ष को अपने विवेक से फैसला लेना चाहिए। महाजन ने कहा कि अगर कोई इसमें बदलाव चाहता है तो मामले की समीक्षा के लिए कमेटी का गठन किया जा सकता है। विदित है कि लोकसभा में नेता विपक्ष के पद पर दावा करने के लिए किसी राजनीतिक दल के पास कुल सदस्य संख्या 543 का कम से कम 10 फीसदी यानी 55 का संख्याबल होना चाहिए। वर्तमान लोकसभा में दूसरे सबसे बड़े दल कांग्रेस के सदस्यों की संख्या मात्र 44 है। हालांकि कांग्रेस ने चुनाव पूर्व बने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के पास 56 सदस्य होने के आधार पर नेता विपक्ष के पद का दावा भी किया था। नेता विपक्ष के पद के लिए कांग्रेस ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया था लेकिन वहां भी उसे निराशा हाथ लगी थी। इस तरह से अब लोकसभा में कोई भी नेता प्रतिपक्ष नहीं होगा। विधि प्रकोष्ठ से सलाह करेगी कांग्रेस लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद न मिलने को लेकर कांग्रेस अपने विधि प्रकोष्ठ से सलाह मशविरा करने के बाद ही आगे की रणनीति तय करेगी। लोकसभा में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने नेता विपक्ष का पद नहीं दिए जाने के लोकसभा अध्यक्ष के फैसले पर प्रतिक्रिया देने के लिए पूछे जाने पर कहा कि अभी उन्हें महाजन से इस संबंध में कोई पत्र नहीं मिला है इसीलिए वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।

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