वाजपेयी व सुभाष चंद्र बोस को भारत रत्न देने पर हो रहा विचार, कई अन्य नामों की भी चर्चा कांग्रेस ने भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव के नामों पर विचार करने को कहा कांशी राम व मदन मोहन मालवीय के नामों की भी चर्चा जोरों पर अगर सरकार इतिहास में पीछे जाकर लोगों को भारत रत्न देना चाहती है तो उसे भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव और लाला लाजपत राय के नाम पर भी विचार करना चाहिए : मनीष तिवारी, कांग्रेस प्रवक्ता नई दिल्ली ! देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न को लेकर सियासी घमासान मच गया है। केंद्र सरकर जहां पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी व सुभाष चंद्र बोस समेत पांच लोगों को सम्मान देने पर विचार कर रही वहीं कांग्रेस ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं। विदित हो कि भारत रत्न व अन्य विशिष्टï पुरस्कारों को लेकर राजनीतिक रूप से हमेशा विवाद होता रहा है। कांग्रेस के शासनकाल में जब सचिन तेंलुकर को इस सम्मान से नवाजा गया तो उस समय विपक्ष में रही भाजपा ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी भारत रत्न पुरस्कार से नवाजे जाने की पूरी वकालत की थी। साथ ही भाजपा ने इस पुरस्कार के लिए अन्य नामों को भी हवा दी थी। अब जबकि केंद्र मेंं भाजपा की सरकार है तो वही काम कांग्रेस कर रही है। देश में पुरस्कारों के नाम पर राजनीतिक विवाद कोई नया नहीं है। खास बात यह है कि जिस दल की सरकार होती है वो अपने हिसाब से ही पुरस्कारों के लिए नामों की घोषणा करती है। जबकि इतने प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए राजनीति नहीं होनी चाहिए और सर्व सम्मति से नामों का चयन होना चाहिए लेकिन कोई भी सरकार इस मामले में सर्वसम्मति से निर्णय नहीं लेती। सरकार अपने विशेषाधिकार का प्रयोग कर तमाम विरोधों के बाद भी अपने-अपने एजेंडे के अनुसार निर्णय ले लेती है। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने इस निर्णय पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर सरकार इतिहास में पीछे जाकर लोगों को भारत रत्न देना चाहती है तो उसे भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव और लाला लाजपत राय के नाम पर भी विचार करना चाहिए। मिल रही जानकारी के मुताबिक, अटल बिहार वाजपेयी, सुभाष चंद्र बोस को भारत रत्न सम्मान मिल सकता है। चर्चा यह भी है कि कांशी राम व मदन मोहन मालवीय भी सम्मान पाने की कतार में हैं। कहा तो यहां तक जा रहा है कि गृह मंत्रालय ने पांच भारत रत्न पदकों का ऑर्डर भी दे दिया है। इससे पहले भी भाजपा नेता अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की मांग उठा चुके हैं। भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के मुखिया नरेंद्र मोदी जल्द ही इस बारे में फैसला कर सकते हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि वह अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में इसकी घोषणा कर सकते हैं। गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चार दिन पहले सरकारी टकसाल को भारत रत्न के लिए पांच पदक तैयार करने को कहा गया है।