• बिहार : कोशी में 10 मीटर ऊंचे उफान की आशंका

    नेपाल में सिंधुपोलचक जिले के भोटकोशी स्थल पर भूस्खलन से कोसी के जलस्तर में वृद्घि की आशंका को लेकर जहां कोशी क्षेत्र में अलर्ट घोषित कर दिया गया है ...

    पटना !   नेपाल में सिंधुपोलचक जिले के भोटकोशी स्थल पर भूस्खलन से कोसी के जलस्तर में वृद्घि की आशंका को लेकर जहां कोशी क्षेत्र में अलर्ट घोषित कर दिया गया है वहीं आपदा की आशंका को लेकर बिहार सरकार ने तैयारी प्रारंभ कर दी है। कोशी नदी में करीब 10 मीटर ऊंचाई तक उफान आने की आशंका है। आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने बताया कि भारत सरकार के कैबिनेट सचिव ने नेपाल में भारतीय दूतावास द्वारा भेजी गई जानकारी को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए सरकार से साझा किया है। विस्फोट की स्थिति से पूर्व हरसंभव तैयारियों को लेकर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि आशंका है कि कोशी के पूर्वी तटबंध को नुकसान पहुंच सकता है इस कारण अभियंता की टीम संभावित इलाकों में भेजी गई है। सरकार द्वारा कोसी तटबंध में बसे लोगों से अपील की जा रही है कि वे सुरक्षित जगहों पर पहुंचे तथा पालतू पशुओं को ऊंचे सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाएं। सरकार द्वारा सुरक्षित स्थानों पर शिविर लगाने की शुरुआत कर दी गई है। उन्होंने बताया कि संभावित आपदा से लगभग आठ जिले सुपौल, सहरसा, मधेपुरा,अररिया, पूर्णिया, भागलपुर, खगड़िया, मधुबनी की डेढ़ लाख आबादी के प्रभावित होने की आशंका है। इसमें सबसे अधिक सुपौल जिले की 22 पंचायतों के लगभग 50 हजार आबादी के प्रभावित होने का अनुमान है। सरकार द्वारा राहत एवं बचाव कार्य के लिए सुपौल, मधेपुरा, तथा सहरसा मेंकुल आठ आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमें तथा खगड़िया, मधुबनी, भागलपुर एवं पूर्णिया में राज्य आपदा प्रतिपादन बल (एसडीआरएफ) की एक-एक टीमें भेज दी गई हैं। व्यास जी ने बताया कि कोलकाता से एनडीआरएफ की सात अतिरिक्त टीम आ रही है तथा सेना (आर्मी) को भी अलर्ट कर दिया गया है।उन्होंने बताया कि सुपौल में 21, सहरसा में 28, खगड़िया में 22, भागलपुर और मधेपुरा में दो-दो तथा मधुबनी में एक राहत शिविर संचालित है जहां विस्थापितों के रहने, खाने, स्वास्थ्य, पेयजल, शौचालय के पर्याप्त प्रबंध किए गए हैं।प्रधान सचिव ने बताया कि लगभग 260 किलोमीटर की दूरी से पूरे वेग से कोशी प्रवाह होने के बाद बिहार पहुंचने में 14 घंटे का समय लगने की संभावना है।केन्द्रीय जल आयोग के मुताबिक 14 लाख क्यूसेक तथा नेपाल से प्राप्त सूचनाओं के मुताबिक 25 लाख क्यूसेक के पानी के रेले का लगभग 40 प्रतिशत बिहार पहुंचने की संभावना है। बिहार के जल संसाधन विभाग के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने शनिवार को बताया कि सुबह नेपाल सरकार द्वारा सूचना दी गई है काठमांडू से करीब 100 किलोमीटर दूर भूस्खलन हुआ है। इस कारण नेपाल की एक नदी में पहाड़ का चट्टान गिर गया है जहां जल प्रवाह रुक गया है। उन्होंने बताया कि नेपाली सेना विस्फोट कर पत्थर हटाने की कोशिश कर रही है। चौधरी ने कहा कि विस्फोट होने के बाद कोशी के जलस्तर में वृद्घि होगी। उन्होंने कहा कि एहतियात के तौर पर सभी कदम उठाए जा रहे हैं। आशंका है कि कोशी नदी में करीब 10 मीटर उंचाई तक पानी का प्रवाह होगा। उल्लेखनीय है कि बिहार के लोग 18 अगस्त 2008 को बिहार-नेपाल सीमा पर कुसहा बांध टूटने से कोसी में आई बाढ़ को अभी नहीं भूल पाए हैं। लोग उस त्रासदी को फिर देखना नहीं चाह रहे हैं। छह वर्ष पूर्व कोसी में आई बाढ़ से बिहार के 247 गांव तबाह हो गए थे। 217 लोगों की मौत हो गई थी जबकि आठ लाख से ज्यादा आबादी प्रभावित हुई थी।

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