• बिहार के आठ जिले में बाढ़ का खतरा

    पड़ोसी देश नेपाल के सिंधुपालचक जिले में जूरे के पास आज भूस्खलन के कारण कोसी नदी के रूके प्रवाह को शुरू करने के लिये अवरोध को विस्फोट कर हटाने के नेपाल सरकार के निर्णय के बाद बिहार में कोसी नदी में 10 मीटर उंची लहर उठने की सम्भावना से राज्य के आठ जिले में बाढ़ की आशंका उत्पन्न हो गयी है...

     सेना को सतर्क किया गया पटना !  पड़ोसी देश नेपाल के सिंधुपालचक जिले में जूरे के पास आज भूस्खलन के कारण कोसी नदी के रूके प्रवाह को शुरू करने के लिये अवरोध को विस्फोट कर हटाने के नेपाल सरकार के निर्णय के बाद बिहार में कोसी नदी में 10 मीटर उंची लहर उठने की सम्भावना से राज्य के आठ जिले में बाढ़ की आशंका उत्पन्न हो गयी है और इसके मद्देनजर सेना को सतर्क कर दिया गया है।     राज्य के जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव व्यासजी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि भूस्खलन के कारण कोसी नदी का जलप्रवाह रूक गया है। इसके कारण नेपाल में पानी का फैलाव हो रहा था और इसे देखते हुये नेपाल सरकार ने अवरोध को विस्पोंट कर हटाने का निर्णय लिया है।उन्होंने कहा कि इसके बाद कोसी नदी में अचानक करीब 14 लाख क्यूसेक पानी नीचे की ओर बहेगा और इसका करीब 40 प्रतिशत हिस्सा बिहार पहुंचेगा।       श्री व्यासजी ने बताया कि इसके कारण बिहार में कोसी नदी में दस मीटर की उंचाई में लहर उठेगी और इससे संभवत: कोसी का पूर्वी तटबंध में दरार पड़ सकती है।उन्होंने कहा कि संभावित आपदा से राज्य के आठ जिले सुपौल.सहरसा.मधेपुरा.अररिया.पूर्णिया.भागलपुर.खगडि़या और मधुबनी की डेढ़ लाख आबादी के प्रभावित होने की आशंका है।प्रधान सचिव ने बताया कि राज्य सरकार के अनुरोध पर केन्द्र सरकार ने सेना को सतर्क कर दिया है। उन्होंने बताया कि इसमें सुपौल जिले की र्सवाधिक 22 पंचायतो में लगभग 50 हजार आबादी के प्रभावित होने का अनुमान है।     श्री व्यासजी ने बताया कि राहत एवं बचाव कार्य के लिये सुपौल और मधेपुरा में तीनशतीन तथा सहरसा जिले में दो टीम एनडीआरएफ की भेजी गयी है।इसके अलावा कोलकाता से एनडीआरएफ की सात टीम आ रही है।उन्होंने बताया कि सुपौल में 21 .सहरसा में 28 .मधेपुरा में 02.खगडि़या में 22 .भागलपुर में 02 और मधुबनी में 01 राहत शिविर संचालित है जहां विस्थापितों के रहने. खाने. स्वास्थ्य. पेयजल और शौचालय आदि के पर्याप्त प्रबंध किये गये है।     प्रधान सचिव ने बताया कि सरकार की ओर से कोसी तटबंध में बसे लोगो से बारशबार सुरक्षित स्थानों पर जाने और माल.मवेशियों को भी उंचे सुरक्षित ठिकाने पर पहुंचाने की अपील की जा रही है।उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन के स्तर से भी लोगो को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है और इसमें एनडीआरएफ की टीम मदद कर रही है।

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