• मोदी सरकार को मिली बड़ी कूटनीतिक सफलता

    सत्ता में आने के महज पैंसठ दिन के भीतर मोदी सरकार कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान के खिलाफ एक बड़ी कूटनीतिक कामयाबी हासिल की है...

    नई दिल्ली !  सत्ता में आने के महज पैंसठ दिन के भीतर मोदी सरकार कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान के खिलाफ एक बड़ी कूटनीतिक कामयाबी हासिल की है और भारत एवं पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम की निगरानी के लिए गठित संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक दल नई दिल्ली स्थित बंगले को पैंसठ साल बाद खाली करने को राजी हो गया है। उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह ने विदेश मंत्रालय को सूचित किया है कि भारत सरकार के निर्देश का पालन करते हुए उन्होंने नई दिल्ली के पुराना किला स्थित सरकारी बंगले को खाली करने का निर्णय लिया है। कार्यालय ने सरकार को यह भी सूचित कर दिया है कि समूह ने सरकारी बंगले के स्थान पर अपने लिए नए आफिस का स्थान तय कर लिया है और एक उचित तारीख पर वे मुफ्त में उपलब्ध कराए गए सरकारी बंगले को छोड़ देंगे। संयुक्त राष्ट्र के इस सैन्य समूह की स्थापना कराची समझौते के अंतर्गत जुलाई 1949 में की गई थी और तभी से पुराना किला की एक एबी रोड पर स्थित 7000 वर्ग फुट में फैला यह बंगला सरकार ने उसे आवंटित कर दिया था। केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के आने के बाद कश्मीर को लेकर सख्त रूख अपनाने का संकेत देते हुए भारत ने समूह से यह बंगला जल्द से जल्द खाली करने को कहा था। विदेश मंत्रालय का कहना था कि संयुक्त राष्ट्र का सैन्य पर्यवेक्षण समूह कब का अपनी प्रासंगिकता खो चुका है और सरकार अब उसकी मौजूदगी को युक्ति संगत बनाना चाहती है। भारत का यह रुख रहा है कि 1972 के शिमला समझौते के बाद इस समूह का कोई औचित्य नहीं बचा था। दूसरी ओर पाकिस्तान यह कहते हुए अपनी खीझ निकाल रहा है कि संयुक्त राष्ट्र के पर्यवेक्षक समूह के सरकारी बंगला खाली करने से कश्मीर के र्दजे पर कोई असर नहीं आएगा।

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