• 'सदस्य चाहें तो दूसरा अध्यक्ष चुन लें'

    लोकसभा में सदस्यों के व्यवहार से क्षुब्ध अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने शुक्रवार को कहा कि वह नियमों के अनुसार काम कर रही हैं ...

    विपक्ष के हंगामे पर भड़कीं लोस अध्यक्ष नई दिल्ली !  लोकसभा में सदस्यों के व्यवहार से क्षुब्ध अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने शुक्रवार को कहा कि वह नियमों के अनुसार काम कर रही हैं और यदि सदस्य उनसे संतुष्ट नहीं तो वे इस पद पर किसी और को चुन सकते हैं। महाराष्ट्र में पुणे जिले के मालिनगांव में भूस्खलन से हुई तबाही पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बायन के बाद कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे तथा कुछ अन्य सदस्यों ने उनसे कुछ स्पष्टीकरण मांगना चाहा लेकिन अध्यक्ष ने इसकी अनुमति नहीं दी। इस पर कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया तथा कुछ अन्य सदस्य खडग़े का समर्थन करते हुए आसन के समीप आ गए। अध्यक्ष ने कहा कि सदन में मंत्री के बयान के बाद स्पष्टीकरण मांगने की पंरपरा नहीं है। सदस्य यदि चर्चा चाहते हैं तो वे इसके लिए नोटिस दे सकते हैं और यदि शून्य काल में उठाना चाहते हैं तो ठीक है लेकिन इस पर स्पष्टीकरण की इजाजत नहीं दी जाएगी। इसके बाद भी कांग्रेस के तथा कुछ अन्य सदस्यों के बार बार खड़े होकर टोकाटाकी करने पर महाजन ने कहा इसी तरह से हर समय अगर सुझाव देना चाहते हैं तो दूसरा अध्यक्ष चुन लीजिए। इससे पूर्व खडगे ने कहा कि पहले भी सदन में स्पष्टीकरण मांगे जाते रहे हैं। यह बड़ी दुर्घटना थी और इसलिए वह कुछ स्पष्टीकरण मांग रहे थे। वह जानना चाहते हैं कि किस तरह से पीडि़तों का पुनर्वास किया जा रहा है और कितने पैसे उन्हें दिए जा रहे है। उन्होंने कहा कि यह जानना उनका हक है कि पीडि़तों को मुआवजा दिया गया है कि नहीं और दिया गया है तो कितना दिया गया। इसमें राज्य सरकार कितना पैसा दे रही है और केंद्र से कितनी राशि दी है। इस पर संसदीय कार्य मंत्री वैंकेया नायडू ने कहा कि गृहमंत्री को राज्यसभा में इसी मुद्दे पर बयान देना है और वहां गए हैं। उन्होंने कहा कि इस त्रासदी पर सरकार गंभीर है। स्वयं प्रधानमंत्री ने गृहमंत्री को घटना स्थल पर जाकर स्थिति का जायजा लेने को कहा था। इसके बाद अध्यक्ष ने कहा कि यह विषय अब यहीं समाप्त हो जाना चाहिए। इसी बीच आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने कहा कि वह व्यवस्था का प्रश्न उठाना चाहते हैं लेकिन इस पर अध्यक्ष ने कहा कि शून्य काल में कोई व्यवस्था का प्रश्न नहीं उठाया जाता। इससे पूर्व राष्ट्रीय जनता दल के राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव संघ लोकसेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में सीसेट खत्म करने की मांग को लेकर आंदोलनरत छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई के बारे में एक अखबार में छपी रिपोर्ट दिखाते हुए आसन के पास आ गए थे और अपनी बात न सुने जाने पर उन्होंने अखबार फाड़कर अध्यक्ष तथा महासचिव की मेज की तरफ फेंका था।    

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