• 'त्याग की मूर्ती' पर गिरा नटवर का बुक बम!

    सत्ता खो चुकी कांग्रेस इन दिनों 'किताब बमों' से परेशान है। पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के प्रेस सलाहकार रह चुके संजय बारू की किताब और अब नटवर सिंह की किताब में लगाए आरोपों का जवाब पार्टी को देना पड़ रहा है।...

    किताब बमों से परेशान सोनिया भी लिखेंगी किताबनई दिल्ली !   सत्ता खो चुकी कांग्रेस इन दिनों 'किताब बमों' से परेशान है। पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के प्रेस सलाहकार रह चुके संजय बारू की किताब और अब नटवर सिंह की किताब में लगाए आरोपों का जवाब पार्टी को देना पड़ रहा है। इस तरह के 'पुस्तक बमों' निष्प्रभावी करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को कहा कि वह भी एक किताब लिखने की सोच रही हैं ताकि 'सभी को सच' का पता चल सके। ज्ञात हो कि पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने अपनी किताब 'वन लाइफ इज नॉट एनफ' में दावा किया है कि सोनिया सरकारी फाइलें देखती थीं। सोनिया ने समाचार चैनल एनडीटीवी से कहा, "मैं अपनी खुद की किताब लिखूंगी और तब सबको सच्चाई पता चलेगी।"उन्होंने कहा, "सच को सामने लाने का एक ही तरीका है कि मैं खुद किताब लिखूं। मैं इसे लेकर काफी गंभीर हूं।"ज्ञात हो कि इराक में सद्दाम हुसैन के पतन के बाद 2005 में सामने आई वोल्कर रिपोर्ट में नटवर सिंह का नाम भी उछला था और उस विवाद के बाद पहले सरकार से और फिर कांग्रेस से वे 'लापता' हो गए। लंबे समय तक खामोश रहने के बाद नटवर सिंह ने अब अपनी किताब से कांग्रेस पर हमला किया है और करीब उन्हीं आरोपों को सही ठहराने की कोशिश की है जो उनके बेटे की पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लगाती रही है। उनके बेटे इन दिनों राजस्थान में भाजपा के विधायक हैं।नटवर सिंह के आरोपों से रंज पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जहां यह कहा कि निजी स्तर के संवाद का आर्थिक लाभ के लिए दुरुपयोग किया जाना उचित नहीं है, वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि किताब की व्यावसायिक सफलता के लिए इस तरह की सनसनी पैदा करना लाजिमी है।ज्ञात हो कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में विदेश मंत्री रहे नटवर सिंह ने एक साक्षात्कार में सोनिया पर यह आरोप लगाया कि उन्होंने 2004 में प्रधानमंत्री पद स्वीकार न करने का फैसला अपनी 'अंतरआत्मा' की आवाज पर नहीं किया था, जैसा कि दावा किया गया था। उन्होंने कहा कि यह फैसला उनके बेटे राहुल गांधी के विरोध पर लिया गया था जो कथित रूप से अपने पिता राजीव गांधी और दादी इंदिरा गांधी की प्रधानमंत्री रहते हुई हत्या से चिंतित थे। नटवर ने यह दावा किया है कि सोनिया की सरकारी फाइलों तक पहुंच थी और उन तक यह नौकरशाह पुलक चटर्जी लेकर आते थे।

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