• भारतीय पहलवान चित

    भारतीय पहलवानों ने ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों की कुश्ती प्रतियोगिता के पहले दिन की ही तरह आज में चार वर्गों के फाइनल में प्रवेश कर स्वर्ण पदक दिलाने की आश देशवासियों को बधाई लेकिन फाइनल में...

    कुश्ती में चार रजत व एक कांस्य पर पर कब्जाकड़े संघर्ष में किस्मत ने सत्यव्रत से छीना स्वर्ण पदकग्लास्गो !    भारतीय पहलवानों ने ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों की कुश्ती प्रतियोगिता के पहले दिन की ही तरह आज में चार वर्गों के फाइनल में प्रवेश कर स्वर्ण पदक दिलाने की आश देशवासियों को बधाई लेकिन फाइनल में सभी पहलवान एक के बाद एक कर अपने विरोधियों के आगे घुटने टेक गए, हार के बाद भी भारत की झोली में कुश्ती मुकाबले में चार रजत व एक कांस्य पदक आ गया। सत्यव्रत कादियान 97 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक के नजदीक पहुंचने के बावजूद सोना जीतने से चूक गए।  कुश्ती प्रतियोगिता में दूसरे दिन स्वर्ण पदक भारतीय पहलवानों से दूर रहा। सत्यव्रत ने 97 किग्रा और बजरंग ने 61 किग्रा तथा महिलाओं के फ्रीस्टाइल वर्ग में ललिता 53 किग्रा और साक्षी मलिक 58 किग्रा ने रजत पदक जीते जबकि नवजोत कौर ने 69 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक हासिल किया। भारत की उम्मीदें अब लंदन ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता योगेश्वर दत्त पर टिक गई हैं जो गुरुवार को 66 किग्रा वर्ग में अपनी चुनौती पेश करेंगे। इन चार रजत और एक कांस्य पदक  के साथ भारत की इन खेलों में पदक संख्या दस स्वर्ण, 19 रजत और 12 कांस्य सहित 41 पहुंच गई है। सत्यव्रत का फाइनल में कनाडा के अर्जुन गिल के साथ मुकाबला था। सत्यव्रत ने दूसरे राउंड में 4-2 की बढ़त बना ली थी लेकिन कनाडाई पहलवान ने अंतिम सेकेंडों तक जाते-जाते दो अंक लेकर स्कोर 4-4 से बराबर कर दिया। स्वर्ण पदक का फैसला पहलवानों को दी गई चेतावनी के आधार पर हुआ। भारतीय पहलवान को मुकाबले के दौरान ज्यादा चेतावनी मिली थी इसलिए उन्हें रजत से संतोष करना पड़ा जबकि गिल स्वर्ण ले उड़े। सत्यव्रत ने पहले राउंड में श्रीलंका के मंजुला आर्चचिगे को 10-0 से, क्वार्टरफाइनल में नाइजीरिया के सोसो तमारो को 6-2 से और सेमीफाइनल में इंग्लैंड के लियोन रेटीगन को 8-4 से पराजित किया था लेकिन फाइनल में वह स्वर्ण के नजदीक पहुचने के बावजूद उससे काफी दूर रह गए।  सुशील के साथी पहलवान और विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीत चुके बजरंग से भारत को खासी उम्मीदें थीं लेकिन कनाडा के डेविड ट्रेम्बले ने पहले ही राउंड में एक के बाद एक अंक बटोरते हुए स्कोर 12 पहुंचा दिया और 12-1 के स्कोर पर मुकाबला समाप्त हो गया। बजरंग को रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा। बजरंग ने इससे पूर्व पहले राउंड में इंग्लैंड के साशा मैडयारचिक को 12 अंक बटोरकर जमीन सुंघाई थी। उन्होंने क्वार्टर फाइनल में दक्षिण अफ्रीका में मार्नो प्लाटजिस को उसी अंदाज में 12-1 से धो दिया था। सेमीफाइनल में बजरंग ने नाइजीरिया के एमास डेनियल को कड़े संघर्ष में 5-2 से पराजित किया था लेकिन स्वर्ण पदक के मुकाबले में वह कनाडाई पहलवान को कोई चुनौती नहीं दे सके।  ललिता और साक्षी ने विनेश की कल की स्वर्णिम कामयाबी की दिशा में कदम बढाते हुए फाइनल में जगह बनाई थी लेकिन खिताबी मुकाबले में दोनों भारतीय महिला पहलवानों की चुनौती बेहद कमजोर साबित हुई।  ललिता ने क्वार्टरफाइनल में दक्षिण अफ्रीका की एम्फो मादी को 10-0 से और सेमीफाइनल में स्काटलैंड की शेनन हाक को 4-0 से पराजित किया था लेकिन फाइनल में नाइजीरिया की ओडूनायो एडेकूओरोए ने ललिता को चंद सेकेंडों में ही चित कर डाला। साक्षी को पहले दौर में बाई मिली और क्वार्टरफाइनल में उन्होंने कैमरून की एडविग एनगोनो को 4-0 से और सेमीफाइनल में कनाडा की ब्रैक्सटन स्टोन को 8-5 से हराया। स्वर्ण पदक के लिए साक्षी का मुकाबला नाइजीरिया की एमिनेट एडिनियी से हुआ और इस अफ्रीकन चैंपियन ने पहले ही राउंड में दस अंक बटोरकर मुकाबला समाप्त कर दिया। नवजोत कौर को 69 किग्रा के सेमीफाइनल में कनाडा की डोरी यीट्स से 0-10 से हार का सामना करना पडा था लेकिन कांस्य पदक के लिए नवजोत ने मेजबान स्काटलैंड की सारा जोंस को 13-0 से धोकर भारत को कुश्ती में दिन का पांचवां पदक दिला दिया। भारत ने कुश्ती के पहले दिन तीन स्वर्ण और एक रजत पदक जीता था। कुश्ती के दूसरे दिन भारत को चार रजत और एक कांस्य पदक हाथ लगा जिसके बाद कुश्ती में भारत के पदकों की संख्या तीन स्वर्ण, पांच रजत और एक कांस्य सहित नौ पहुंच चुकी हैं।

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