• सांसदों ने कहा, कैंटीन में मिलता है बासी खाना

    राज्यसभा के सदस्यों ने बुधवार को संसद की कैंटीन में 'बासी खाना' परोसे जाने की शिकायत की और कहा कि ऐसा खाना खाने से कुछ सदस्य बीमार भी हो गए हैं। ...

    नई दिल्ली !   राज्यसभा के सदस्यों ने बुधवार को संसद की कैंटीन में 'बासी खाना' परोसे जाने की शिकायत की और कहा कि ऐसा खाना खाने से कुछ सदस्य बीमार भी हो गए हैं। जनता दल-युनाइटेड (जदयू) के नेता के. सी. त्यागी ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि दो सदस्य रामगोपाल यादव और जया बच्चन संसद की कैंटीन में खाने के बाद बीमार हो गए। उन्होंने सरकार से इस मामले पर ध्यान देने के लिए कहा।त्यागी ने कहा, "संसद की कैंटीन का खाना खाकर सदस्य बीमार हो रहे हैं..रामगोपाल यादव और जया बच्चन दोनों ही खाने के बाद बीमार हो गए।"मजाकिया लहजे में उन्होंने कहा, "यह विपक्षी सदस्यों को सदन से दूर रखने की साजिश तो नहीं?"जया बच्चन ने कहा कि यह लगातार हो रहा है।उन्होंने कहा, "यह पिछले 4-5 वर्षो से हो रहा है..कैंटीन में बासी खाना परोसा जाता है।"संसदीय कार्यमंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार इस मुद्दे को देखेगी।नायडू ने कहा, "हमने इसे ध्यान में लिया है। कैंटीन की जांच की जाएगी और यह देखा जाएगा कि हो क्या रहा है। हमें इस मुद्दे पर सदन में चर्चा नहीं करनी चाहिए।"विपक्ष के कुछ सदस्यों ने यहां तक कहा कि खाना गुजरात से मंगाया जा रहा है। इसके जवाब में नायडू ने कहा, "कुछ लोगों को तो गुजरात के सपने आते रहते हैं तो मैं क्या करूं।"कांग्रेस नेता राजीव शुक्ल ने उल्लेख किया कि ऐसा शायद इसलिए हो रहा है कि खाना अब संसद भवन से बाहर से पककर आ रहा है।शुक्ला ने कहा, "खाना संसद भवन के बाहर पकाकर यहां लाया जाता है। मैंने इसे तुरंत बंद करने का सुझाव दिया था।"उन्होंने कहा, "खाना सुबह 6 बजे तैयार होता है और रात तक परोसा जाता है।"बाद में त्यागी ने संवाददाताओं से कहा कि रामगोपाल यादव को एम्स में भर्ती कराया गया है और उन्हें स्वस्थ होने में चार से पांच दिन लगेंगे। वे खराब खाना खाने से बीमार हुए।त्यागी ने कहा, "हम महाराष्ट्र सदन की तर्ज पर मुद्दा खड़ा नहीं करना चाहते। लेकिन मैं चाहता हूं कि जीने के अधिकार का संरक्षण हो।"संसद भवन की कैंटीन से गैस सिलेंडर को सुरक्षा के लिए खतरा मानते हुए रसोई घर अन्यत्र ले जाया गया।2012 में तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के आदेश पर खाना पकाने का इंतजाम संसद के पुस्तकालय में ले जाया गया।

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