• हत्या के डर से प्रधानमंत्री नहीं बनीं सोनिया : नटवर सिंह

    पूर्व विदेश मंत्री के. नटवर सिंह ने आज कहा कि श्रीमती सोनिया गांधी ने वर्ष 2004 में प्रधानमंत्री पद इसलिये अस्वीकार कर दिया था क्योंकि उनके पुत्र राहुल गांधी को डर था...

    नयी दिल्ली !  पूर्व विदेश मंत्री के. नटवर सिंह ने आज कहा कि श्रीमती सोनिया गांधी ने वर्ष 2004 में प्रधानमंत्री पद इसलिये अस्वीकार कर दिया था क्योंकि उनके पुत्र राहुल गांधी को डर था कि अगर वह प्रधानमंत्री बनीं तो उनके पिता की तरह उनकी भी हत्या कर दी जाएगी।     श्री सिंह ने अपनी आत्मकथा ..वन लाइफ इज नाट एनफ.. के विमोचन से पहले एक निजी चैनल से बातचीत में यह खुलासा किया। उन्होंने बताया कि श्रीमती गांधी ने 2004 में इस वजह से प्रधानमंत्री पद अस्वीकार नहीं किया कि उनकी अंतरात्मा ने उन्हें ऐसा करने के लिये कहा बल्कि इसकी वास्तविक वजह कुछ और थी।     उन्होंने कहा कि श्रीमती गांधी भले ही यह दावा करती रही हैं कि उनकी अंतरात्मा ने उन्हें प्रधानमंत्री पद स्वीकार करने से रोक दिया लेकिन वास्तव में उनके पुत्र को यह डर था कि अगर वह प्रधानमंत्री बनीं तो उनकी हत्या हो जाएगी। उन्होंने यह खुलासा भी किया कि उस समय श्री गांधी ने कहा था कि वह अपनी मां को प्रधानमंत्री बनने से रोकने के लिये हरसंभव प्रयास करेंगे। उन्होंने श्रीमती गांधी को पद अस्वीकार करने के लिये 24 घंटे की समय सीमा भी दी थी।     श्री सिंह ने कहा कि श्रीमती गांधी और उनकी पुत्री प्रियंका गांधी ने गत सात मई को उनसे मुलाकात करके इस वाकये को आत्मकथा से बाहर करने का अनुरोध किया था। उन्होंने यह दावा भी किया कि श्रीमती गांधी ने उनके साथ हुये व्यवहार के लिये माफी मांगते हुये उन्हें अपना सबसे करीबी मित्र बताया और कहा कि वह उनसे ऐसी बातें भी साझा करती है जो उन्होंने राहुल और प्रियंका से भी नहीं कीं।       श्री सिंह ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के दौरान श्रीमती गांधी सरकारी फाइलें अपने पास मंगाती थी। उन्होंने बताया कि श्री पुलक चटर्जी ये फाइलें श्रीमती गांधी के पास ले जाते थे। उनके इस खुलासे से कुछ महीनों पहले पूर्व प्रधानमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार संजय बारू की किताब में लिखी गयी बातों की पुष्टि हुयी है।उन्होंने यह खुलासा भी किया कई अन्य मंत्री भी ये बातें जानते हैं। उन्होंने कहा कि श्रीमती गांधी की बजाय श्री मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री बनने के फैसले से राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और लोक जनशक्ति पार्टी सुप्रीमो रामविलास पासवान काफी नाराज हुये थे। दोनों नेताों को मनाने में कांग्रेस नेतृत्व को काफी मशक्कत करनी पडी।

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