• उप्र में साम्प्रदायिक संघर्षों में सर्वाधिक मौतें

    एक अमरीकी रिपोर्ट से इस बात का खुलासा किया है, साम्प्रदायिक संघर्षों में वर्ष 2013 में उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक मौतें हुई हैं...

    अमरीकी रिपोर्ट से फिर निशाने पर आई अखिलेश सरकारलखनऊ !  एक अमरीकी रिपोर्ट से इस बात का खुलासा किया है, साम्प्रदायिक संघर्षों में वर्ष 2013 में उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक मौतें हुई हैं इस रिपोर्ट के जारी होने के बाद एक बार फिर से अखिलेश सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है।भारतीय जनता पार्टी  और कांग्रेस ने इसे लेकर प्रदेश की समाजवादी पार्टी (सपा) को आड़े हाथों लिया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश में साम्प्रदायिक अशांति में सर्वाधिक मौतें हुईं। इसमें मुजफ्फरनगर दंगे की 65 मौतें शामिल हैं।  रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल मुजफ्फरनगर के दंगे में 65 लोग मारे गए थे। 68 घायल हो गये थे तथा 40-50 हजार लोग विस्थापित हो गये थे।इस साल भी प्रदेश में हिंसक घटनाओं और साम्प्रदायिक दंगों के कारण कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। एक अनुमान के मुताबिक इस साल सांप्रदायिक हिंसा की संख्या करीब एक दर्जन से अधिक अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। प्रदेश में पिछले साल की तरह इस साल भी आधा सैकड़ा से अधिक दंगे हुए हैं। दंगों का ताजा मामला सहारपुर का है सहारनपुर में अभी तक तीन लोग मारे गए हैं जबकि 33 अन्य घायल हुए हैं। वहां शनिवार को दो संप्रदायों के बीच झड़प शुरू हुई थी। सहारपुर में गुरुद्वारे की जमीन को लेकर हुए संघर्ष का असर अभी कायम है। प्रदेश में सबसे ज्यादा दंगे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हुए हैं, लेकिन इसका असर पूरे प्रदेश की राजनीति पर देखा जा रहा है। प्रदेश में लगातार हो रहे दंगों को देखते हुए जहां मुख्य विपक्षी दल बहुजन समाज पार्टी कई बार प्रदेश सरकार को बर्खास्त किए जाने की मांग कर चुकी है, वहीं केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता कलराज मिश्र प्रदेश को दंगा प्रदेश का खिताब तक दे चुके हैं। जबकि प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री आजम खां इन दंगों के पीछे भाजपा और संघ का हाथ बताकर अपनी सरकार को क्लीन चिट दे रहे हैं। बहरहाल अमरीकी रिपोर्ट के बाद एक बार फिर से प्रदेश सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है।

अपनी राय दें