नई दिल्ली ! इराक की पुनरावृत्ति वाले एक घटनाक्रम में लीबिया में भी बड़ी संख्या में भारतीय नर्से हिंसा में फंस गई हैं। लीबिया की राजधानी स्थित अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कब्जा करने के लिए प्रतिद्वंद्वी आतंकवादी गिरोहों के बीच हिंसा ने उग्र रूप धारण कर लिया है। भारतीय नर्सो ने मदद और घर वापसी के लिए भारतीय दूतावास से गुहार लगाई है। ज्ञात हो कि इराक में सुन्नी बहुल इलाकों पर सुन्नी आतंकवादियों के कब्जा कर लेने के बाद वहां से नर्सो को निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी थी।पिछले दो सप्ताह से उत्तरी अफ्रीका में स्थित देश लीबिया में सरकारी सेना और इस्लामिक आतंकवादियों के बीच घमासान चल रहा है। इस संघर्ष के कारण राजधानी त्रिपोली और बेनगाजी में अफरा-तफरी मची हुई है। संघर्ष में मारे गए 150 लोगों में से अधिकांश नागरिक हैं।लड़ाई को ध्यान में रखते हुए लीबिया में भारतीय राजदूत अजर ए. एच. खान ने त्रिपोली अस्पताल में नर्सो से मुलाकात की और उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिलाया।खान ने त्रिपोली से फोन पर हुई बातचीत में आईएएनएस को बताया, "हर कोई यहां सुरक्षित है। हम नर्सो के साथ संपर्क बनाए हुए हैं।"राजदूत ने हालांकि यह कहा कि केवल कुछ ही भारतीय नर्सो ने देश छोड़ने में मदद के लिए दूतावास से संपर्क किया है।उन्होंने कहा, "केवल हवाई अड्डे के समीप के इलाकों में संघर्ष चल रहा है, बाकी जगह सबकुछ सामान्य है।"मध्य जुलाई से जारी संघर्ष में त्रिपोली हवाई अड्डे के आसपास रॉकेट और गोलों की बरसात के कारण भारतीय नागरिकों में भय व्याप्त है।त्रिपोली के दो अस्पतालों में काम कर रही 430 नर्सो में से केवल 88 ने ही भारतीय दूतावास से मदद मांगी है।