• रूसी सरकार पर 51.6 अरब डॉलर का जुर्माना

    रूस को तेल कंपनी यूकोस के हिस्सेदारों को कुल 51.6 अरब डॉलर का मुआवजा देना पड़ेगा. हेग में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत ने यह फैसला उस आधार पर दिया कि रूस ने कंपनी की संपत्ति जब्त कर ली थी. ...

    रूस को तेल कंपनी यूकोस के हिस्सेदारों को कुल 51.6 अरब डॉलर का मुआवजा देना पड़ेगा. हेग में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत ने यह फैसला उस आधार पर दिया कि रूस ने कंपनी की संपत्ति जब्त कर ली थी. नीदरलैंड्स में अंतरराष्ट्रीय अदालत ने बताया कि यूकोस तेल कंपनी की मुख्य कंपनी जीएमएल ग्रुप को इस फैसले के बाद अपने कुछ पैसे वापस मिलेंगे. यूकोस पहले मिखाएल खोदोरकोव्स्की नाम के उद्यमी की कंपनी थी और उसकी कंपनी का मूल्य करीब 40 अरब डॉलर था. सत्ता में आने के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उस वक्त रूस के सबसे अमीर आदमी खोदोरकोव्स्की को 10 साल की सजा सुनाई और उनकी कंपनी का राष्ट्रीयकरण किया. खोदोरकोव्स्की पिछले साल दिसंबर में रिहा हुए.सुपरहिट फैसला'जीएमएल कंपनी के निदेशक टिम ओस्बोर्न ने हेग के फैसले का स्वागत किया और कहा, "यह फैसला सुपरहिट है. 50 अरब डॉलर का है और इस पर कोई शक नहीं. अब इस फैसले को बस कार्यान्वित करना है." लेकिन रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि मॉस्को फैसले के खिलाफ अपील करेगा. अगर ऐसा हुआ तो जीएमएल के हिस्सेदारों को थोड़ा और इंतजार करना होगा. लेकिन वकीलों का कहना है कि अपील करने के आसार कम हैं. 2005 से मामले पर नजर रख रहे जजों का कहना है कि राष्ट्रपति पुतिन के शासन के दौरान अधिकारियों ने स्थानीय न्याय प्रणाली को अपने फायदे के लिए बदला और यूकोस को दीवालिया घोषित किया.हेग में अदालत ने एक बयान में कहा, "यूकोस रूसी अधिकारियों की राजनीति से प्रेरित हमलों का निशाना बनी और इससे वह बर्बाद हो गई. रूसी सरकार का मकसद कर जमा करना नहीं बल्कि यूकोस को दीवालिया करके उसकी संपत्ति हड़पना था."रूसी सरकार पर आर्थिक असर यूक्रेन संकट को लेकर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का सामना कर रहे रूस के लिए हेग अदालत का फैसला गलत वक्त पर आया है. क्रेडिट स्विस बैंक के अर्थशास्त्री आलेक्सेई पोगोरेलोव कहते हैं, "इस फैसले से रूस की दीर्घकालीन आर्थिक स्थिरता पर असर पड़ेगा. हो सकता है अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियां रूस की रेटिंग को बदलें."50 अरब डॉलर का मतलब रूस के सकल घरेलू उत्पाद का करीब 2.5 प्रतिशत या रूस के रिजर्व फंड का 57 प्रतिशत होता है. इस रिजर्व फंड से सरकार बजट में नुकसान या अधिक खर्चे को ढकने की कोशिश करती है. हेग के फैसले से रूस का शेयर बाजार हिल गया है.हो सकता है कि आने वाले दिन रूस के लिए और महंगे पड़ें. यूरोपीय मानवाधिकार अदालत इस हफ्ते गुरुवार को एक और फैसला सुना सकती है. यूकोस कंपनी की शिकायत के मुताबिक यूकोस से संपत्ति जबरदस्ती ले ली गई और उसकी मुख्य संपत्ति की फर्जी नीलामी की गई. क्या रूस पैसे वापस करेगालंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के यान क्लीनहैस्टरकांप कहते हैं कि रूस से संपत्ति वापस हासिल करना मुश्किल होगा. फिर शेयरहोल्डर विदेशों में रूस की संपत्ति पर निशाना साधेंगे और यह प्रक्रिया बहुत लंबी हो जाएगी.रूस को पैसे मेनातेप ग्रुप को देने होंगे जो खोदोरकोव्स्की की कंपनी है और जिसकी मदद से उन्होंने यूकोस पर नियंत्रण रखा. खोदोरकोव्स्की ने जेल जाने के बाद मेनातेप में अपना हिस्सा लियोनिड नेवज्लिन को दे दिया जो उनके पार्टनर थे और रूस छोड़कर इस्राएल चले गए. अगर रूस पैसा वापस देता है तो सबसे ज्यादा फायदा नेवज्लिन को होगा. इनके अलावा चार और लोग हैं जिन्होंने यूकोस में हिस्सा खरीदा था.एमजी/एएम(रॉयटर्स, एएफपी)साभार

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