• इजरायल का बेमियादी संघर्षविराम

    इजरायल की ओर से आठ जुलाई से शुरू किए गए हमले में अब तक गाजा पट्टी में 1,030 फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो चुकी है और 6,000 घायल हुए हैं।...

    1,030 फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत जेरूसलम/संयुक्त राष्ट् !  इजरायल की ओर से आठ जुलाई से शुरू किए गए हमले में अब तक गाजा पट्टी में 1,030 फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो चुकी है और 6,000 घायल हुए हैं। इस बीच इजरायल ने 'बेमियादी संघर्ष विराम' नीति पर अपनी सहमति जता दी है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक एक इजरायली अधिकारी ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय दवाब के बीच संघर्षविराम की नई नीति लागू हो गई है। इसका मतलब यह कि अब इजरायल जानबूझकर सुविचारित हमले नहीं करेगा। वह केवल गाजा की ओर से विद्रोहियों के हमले के खिलाफ जवाबी हमले करेगा। इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय से इस नीति पर हालांकि अभी टिप्पणी नहीं मिल पाई है। हालांकि स्थानीय मीडिया के मुताबिक सेना अब भी जमीनी और हवाई हमले कर रही एवं वह हमास के सीमापार सुरंग को ध्वस्त कर देगी। गाजा की ओर से हालांकि सोमवार को राकेट हमले में कमी आई। केवल एक राकेट दागा गया जो कि इजरायल के मैदानी क्षेत्र में गिरा। इजरायल के एक सैन्य प्रवक्ता ने कहा कि राकेट हमले के बाद इजरायल के सुरक्षा बलों ने बेइत लहिया क्षेत्र में जवाबी हमले किए, जहां से राकेट दागा गया था। इजरायल और हमास के बीच पिछले आठ जुलाई से जारी संघर्ष में 1030 फिलिस्तीनियों की जान जा चुकी हैं। संयुक्त राष्ट्र और फिलिस्तीन स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक इसमें करीब 720 नागरिक हैं। इजरायली सेना के मुताबिक उसके देश में करीब 46 जानें गई हैं जिसमें 43 सैनिक हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर हुई बातचीत के बाद बेमियादी संघर्षविराम की नई नीति लागू की गई है। इससे पहले सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मानवीय आधार पर तत्काल और बेमियादी संघर्षविराम का आह्वान किया था। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने इजरायल और फिलिस्तीन से संघर्ष-विराम की अवधि बढ़ाने की अपील की। बान के प्रवक्ता द्वारा यहां जारी बयान में कहा गया है कि महासचिव बान ने हिंसा पर विराम लगाने को इजरायल और फिलिस्तीन के लिए महत्वपूर्ण बताया। इस हिंसा में कई निर्दोषों की जान जा चुकी है और तमाम लोगों का जीवन प्रभावित हुआ है। बयान के अनुसार, "महासचिव ने क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय नेताओं के साथ बेहद गंभीरता से काम करते हुए मानवीय संषर्घ-विराम को बढ़ाने और उसे लागू कराने में दोनों पक्षों को प्रोत्साहित करने में सक्षम लोगों से अपील की है।"उधर, ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ ने मुस्लिम देशों से गाजा में इजरायल की नाकेबंदी समाप्त करने में मदद के लिए कूटनीतिक प्रयास तेज करने का आह्वान किया है। जरीफ ने कहा कि इस्लामिक देशों और गुट निरपेक्ष आंदोलन के मुस्लिम सदस्यों को गाजा पर इजरायल की घेरेबंदी और हमले को रोकने का दबाव बनाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संयुक्त कदम उठाने चाहिए।जरीफ ने अल्जीरिया, जार्डन, पाकिस्तान, सूडान और मोरक्को के उनके समकक्षों से टेलीफोन वार्ता पर इसका आह्वान किया। इस बीच गाजा में तत्काल मानवीय सहायता के लिए आस्ट्रेलिया सरकार ने 50 लाख आस्ट्रेलियाई डॉलर की सहायता दी है। विदेश मंत्री जूली बिशप ने सोमवार को इसकी घोषणा की।मंत्री ने बताया कि आस्ट्रेलिया द्वारा साल 2014-15 में फिलिस्तीनी क्षेत्र को 5.65 करोड़ डॉलर की सहायता देने के वादे के अंतर्गत दी गई इस राशि से आपातकालीन भोजन, चिकित्सा आपूर्ति, स्वच्छता किट और मनो-सामाजिक सहयोग उपलब्ध कराए जाएंगे।बिशप ने बताया कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार गाजा में इजरायल और आतंकवादी समूहों के बीच जारी संघर्ष को लेकर चिंतित हैं, जिनमें 1,000 से अधिक फिलिस्तीनी नागरिक और कम से कम 43 इजरायली नागरिक मारे जा चुके हैं।

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