• जासूसी मामले में कोई दम नहीं

    केंद्र सरकार ने सोमवार को उस खबर का खंडन किया, जिसमें कहा गया है कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नई दिल्ली स्थित आवास में जासूसी के उपकरण पाए गए थे। गृह मंत्रालय ने मामले की जांच कराने से इंकार किया है। ...

    गडकरी के घर जासूसी से सरकार का इंकार नई दिल्ली !  केंद्र सरकार ने सोमवार को उस खबर का खंडन किया, जिसमें कहा गया है कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नई दिल्ली स्थित आवास में जासूसी के उपकरण पाए गए थे। गृह मंत्रालय ने मामले की जांच कराने से इंकार किया है। जबकि कांग्रेस नेताओं ने जांच कराने की मांग की है। गडकरी ने इस मुद्दे पर फिर से खंडन जारी किया है। जबकि कांग्रेस ने मामले की जांच की मांग की है।गडकरी ने ट्वीट किया, "जैसा कि मैंने पहले ही कहा है, मैं फिर से दोहराता हूं कि मेरे आवास में कहीं भी कोई उपकरण नहीं पाया गया था।"इस घटना के बारे में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस मामले में कोई दम नहीं है। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "इसमें कोई विवाद नहीं है, गडकरी ने स्वयं इसका खंडन किया है। हम इसमें कैसे हस्तक्षेप कर सकते हैं?"केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजु ने भी इस पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। रिजिजु से जब पूछा गया कि क्या गृह मंत्रालय जासूसी की खबरों की जांच कराएगी, तो उन्होंने कहा, "मंत्री (गडकरी) ने खुद कहा है कि खबरें अटकलबाजी हैं.. हम इस पर कैसे टिप्पणी कर सकते हैं।"रिजिजु ने कहा, "इसमें कुछ भी ठोस नहीं है।"लेकिन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि इस मामले की जांच होनी चाहिए।मीडिया रपटों में रविवार को कहा गया था कि गडकरी के दिल्ली स्थित आवास में जासूसी उपकरण पाए गए हैं। लेकिन गडकरी ने और उनके करीबी लोगों ने इसका खंडन किया।गडकरी ने ट्वीट किया, "मेरे नई दिल्ली स्थित आवास में सुनने वाला उपकरण पाए जाने से संबंधित जो खबर मीडिया के कुछ वर्ग में आई है, वह बिल्कुल अटकलबाजी है।"कांग्रेस की गुजरात इकाई के नेता शक्ति गोहिल ने सवाल किया कि गडकरी ने खबर को अटकलबाजी क्यों बताया, इसे गलत क्यों नहीं बताया।गोहिल ने यहां मीडिया से कहा, "गडकरी ने कहा कि खबर बिल्कुल अटकलबाजी है। उन्होंने खबर को गलत क्यों नहीं कहा? उन्हें या तो यह कहना चाहिए कि ऐसा हुआ या उन्हें कहना चाहिए कि ऐसा नहीं हुआ।"पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि यह कोई अच्छा लक्षण नहीं है। इसकी जांच होनी चाहिए।मनमोहन ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी में संवाददाताओं से कहा, "यदि मंत्री के घर की जासूसी हुई है, तो यह कोई अच्छा लक्षण नहीं है। इसकी जांच होनी चाहिए। यह कैसे हुआ? सरकार को सदन में इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।"भाजपा प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने सवाल किया कि मनमोहन सिंह उस समय क्यों चुप थे, जब तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के कार्यालय की जासूसी की गई थी।नकवी ने पूछा, "मनमोहन सिंह उस समय क्यों चुप थे, जब उनके मंत्रियों की जासूसी की खबरें आई थीं।"रपटों के अनुसार, 2011 में वित्त मंत्रालय में कम से कम 16 चिपकने वाले स्ट्रिप पाए गए थे, और तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने जासूसी की आशंका जाहिर की थी।भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने सवाल किया कि कहीं पूर्व की कांग्रेस नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार जासूसी के लिए जिम्मेदार तो नहीं।स्वामी ने कहा कि जासूसी पिछले वर्ष अक्टूबर के आसपास हुई थी, "जब संप्रग सत्ता में था। एनएसए (अमेरिकी खुफिया एजेंसी) ने खासतौर से भाजपा और गडकरी को निशाना बनाया। वह आरएसएस के विश्वासपात्र हैं।"कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा, "यदि भाजपा को लगता है कि इसके लिए संप्रग जिम्मेदार है, तो उन्हें इसकी जांच करानी चाहिए।"

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