• रिलायंस पॉवर खरीदेगी जेपी समूह की पनबिजली परियोजनाएं

    रिलायंस पॉवर ने जेपी समूह की कंपनी जयप्रकाश पॉवर वेंचर्स के साथ उसकी 1,800 मेगावाट क्षमता की समस्त पनबिजली परियोजनाओं का शत-प्रतिशत अधिग्रहण करने के लिए एक समझौता किया है। यह खरीदारी 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि में होगी और यह अधोसंरचना क्षेत्र में दूरसंचार उद्योग के बाद देश का अब तक का सबसे बड़ा सौदा होगा। कंपनी ने सोमवार को शेयर बाजारों को दी गई नियमित सूचना में बताया, "रिलायंस पॉवर ने जयप्रकाश पॉवर वेंचर्स की समस्त पनबिजली परियोजनाओं की शत-प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया है।"...

    मुंबई | रिलायंस पॉवर ने जेपी समूह की कंपनी जयप्रकाश पॉवर वेंचर्स के साथ उसकी 1,800 मेगावाट क्षमता की समस्त पनबिजली परियोजनाओं का शत-प्रतिशत अधिग्रहण करने के लिए एक समझौता किया है। यह खरीदारी 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि में होगी और यह अधोसंरचना क्षेत्र में दूरसंचार उद्योग के बाद देश का अब तक का सबसे बड़ा सौदा होगा। कंपनी ने सोमवार को शेयर बाजारों को दी गई नियमित सूचना में बताया, "रिलायंस पॉवर ने जयप्रकाश पॉवर वेंचर्स की समस्त पनबिजली परियोजनाओं की शत-प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया है।"कंपनी ने बताया कि समझौते पर रिलायंस पॉवर की संपूर्ण सहायक कंपनी रिलायंस क्लीनजेन (आरसीएल) और जयप्रकाश एसोसिएट्स की सहायक कंपनी जयप्रकाश पॉवर वेंचर्स (जेपीवीएल) ने हस्ताक्षर किए हैं।रिलायंस पॉवर ने कहा, "जेपीवीएल की पनबिजली परियोजनाओं की क्षमता 1,800 मेगावाट है, जो देश में निजी क्षेत्र की कंपनियों में सर्वाधिक है। ये सभी संचालन अवस्था में हैं। इसके तहत तीन संयंत्र हैं। इन परियोजनाओं का जीवनकाल 50 साल है। तीन रन-ऑफ-द-रिवर प्रौद्योगिकी पर आधारित हैं, जिसके तहत प्राकृतिक जल प्रवाह से बिजली पैदा की जाती है।" इस खरीदारी के बाद रिलायंस पॉवर देश की कुछ गिनी-चुनी सबसे बड़ी निजी बिजली उत्पादक कंपनियों में शामिल हो जाएगी। उसकी कुल बिजली उत्पादन क्षमता 7,800 मेगावाट हो जाएगी।


अपनी राय दें