• गोवा में खनन से जलाशय प्रदूषित : सीएजी रिपोर्ट

    गोवा के सबसे बड़े जलग्रहण क्षेत्र सहित दो जलाशय मैगनीज के अवैध खनन की वजह से प्रदूषित हो गए हैं। यह बात नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की हालिया रिपोर्ट में सामने आई है। ...

    पणजी | गोवा के सबसे बड़े जलग्रहण क्षेत्र सहित दो जलाशय मैगनीज के अवैध खनन की वजह से प्रदूषित हो गए हैं। यह बात नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की हालिया रिपोर्ट में सामने आई है। विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान पेश की गई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सेलॉलिम जलाशय में मैगनीज की मात्रा मानक से 10 गुना अधिक है। यह जलाशय खानों से घिरा हुआ है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि खानदेपार नदी की जलधारा की विपरीत दिशा में हो रहे अवैध खनन के कारण जलाशय का पानी उपयोग लायक नहीं रह गया है। पणजी से 50 किलोमीटर दूर स्थित सेलॉलिम जलाशय के पानी की गुणवत्ता पर सीएजी रिपोर्ट में कहा गया है, "जलाशय में प्रति लीटर 0.09 मिलीग्राम मैगनीज पाए गए हैं जो मानक से 10 गुना ज्यादा है।"गोवा में वर्ष 2012 से खनन पर प्रतिबंध लगा हुआ है। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सीएजी रिपोर्ट में कहा गया है, "बांध के पानी में मैगनीज छोड़ने की वजह जलाशय के आसपास खनन की कई गतिविधियों का होना है, क्योंकि मानसून के दौरान खनन के कचरे बहकर बांध के पानी में चले जाते हैं और ये पानी में घुल नहीं पाते।"कैग की रिपोर्ट में सेलॉलिम के जलस्तर में मैगनीज की मात्रा को मानक स्तर पर रखना सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की गई है। 24 किलोमीटर के दायरे में फैले सेलॉलिम जलाशय पर दक्षिण गोवा की करीब आधी जनसंख्या निर्भर है और यह उत्तर गोवा के करीब छह लाख लोगों को भी पानी उपलब्ध कराता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि खानदेपार नदी के इलाके में हो रहे खनन की वजह से नदी के किनारे स्थित ओपा गांव में मौजूद वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का संचालन बाधित हो रहा है।


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