जहरीला इंजेक्शन लगाकर दिया मृत्युदण्डफिंनिक्स/एरिजोना ! अमरीका में जहरीला इंजेक्शन लगाकर मृत्युदंड देने की प्रक्रिया को लेकर गहरा विवाद शुरु हो गया है। इस मामले ने उस समय तूल पकड़ा जब अदालत से मौत की सजा पाने वाले 55 वर्षीय एक व्यक्ति जोसेफ वुड को एरिजोना के सरकारी कारागार में कल स्थानीय समयानुसार दोपहर करीब दो बजे जहरीला इंजेक्शन लगाया गया। सामान्य तौर पर इजेंक्शन लगने के दस मिनट के अदंर ही व्यक्ति की मौैत हो जाती है लेकिन वुड करीब दो घंटे तक तड़पता रहा। इंजेक्शन लगने के करीब दो घंटे बाद दिन के 3 बजकर 50 मिनट पर वुड़ की मौत होने की पुष्टि खुद एरिजोना के अटार्नी जनरल के कार्यालय ने की है। वुड़ के वकील डेल बेच ने जब इजेंक्शन लगने के बाद भी अपने मुवक्किल को तडपते देखा तो उसने तत्काल मृत्युदंड की प्रक्रिया रोकने और वुड को जीवन रक्षक दवाएं उपलब्ध कराने की सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई। उसने इसके लिए अमरीकी संविधान की उन व्यवस्थाओं का हवाला दिया जिसके अुनसार किसी भी अपराधी को मौत की सजा अमानवीय तरीके से नहीं दी जा सकती। हालांकि बेच की याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया। बेच ने इंजेक्शन में इस्तेमाल की गई दवा को लेकर सवाल उठाते हुए कहा है कि ऐसा लगता है कि एरिजोना अमरीका के उन राज्यों में शामिल हो गया है जहां मौत की सजा के लिए बर्बर तरीके अपनाए जा रहे हैं। एरिजोना के गवर्नर जैन ब्रविर ने समूचे मामले पर संज्ञान लेते हुए इसकी जांच कराए जाने की बात कही है हालांकि उन्होंने प्रक्रिया में किसी तरह की खामी होने की बात स्वीकार नहीं की है। दूसरी ओर वुड को इजेंक्शन लगाए जाते वक्त जेल में मौजूद एक प्रत्यक्र्षदशी पत्रकार माइकेल कीफर का कहना है कि उसने वुड को इंजेक्शन लगने के बाद भी काफी देर तक तड़पते देखा था। आमतौर पर ऐसा नहीं होता। लगता है कि इजेंक्शन में प्रयुक्त की गई दवा पर्याप्त मात्रा में नहीं थी। वुड को अपनी पूर्व महिला मित्र और उसके पिता की जघन्य हत्या का दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई गई थी।