• कालेधन की वापसी पर अपने ही उठा रहे सवाल

    भाजपा के एक सांसद ने अपनी ही पार्टी के घोषणाओं के विपरीत बयान दिया है।...

    मोदी के चुनावी वादों पर लगा प्रश्नचिन्ह नई दिल्ली !    भाजपा के एक सांसद ने अपनी ही पार्टी के घोषणाओं के विपरीत बयान दिया है। भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने कालेधन पर सरकार द्वारा किए गए कार्यों पर सवालिया निशान खड़ा करते हुए कहा कि विदेशों से काला धन कभी वापस नहीं आ सकता है। ऐसे में निशिकांत दूबे के इस बयान के बाद विपक्ष सरकार को घेर सकती है।  दिलचस्प बात है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली की उपस्थिति में झारखंड के तेजतर्रार नेता निशिकांत दूबे ने कहा कि स्वीस बैंक से कालाधन वापस नहीं आ सकता है। भाजपा सांसद ने कहा कि स्विट्जरलैंड की प्रक्रिया ऐसी है कि उस काले धन को कभी वापस लाया ही नहीं जा सकता। दुबे ने कहा वित्त मंत्री अरुण जेटली ने काले धन को रोकने के लिए बजट में जो कदम उठाए हैं उनका मैं स्वागत करता हूं। फाइनेंस बिल पर बहस के दौरान दूबे ने यह बात कही है जो बीजेपी के चुनाव प्रचार के दौरान किए गए वादे के उलट है। दुबे ने कहा कि इस जन्म में तो काला धन वापस ला पाना नामुमकिन है। निशिकांत दूबे का यह बयान सरकार के अभी तक किए गए कार्यों पर सवालिया निशान खड़ा कर चुका है।  निशिकांत दुबे के इस बयान के बाद संगठन से सरकार में इस बात की सुगबुगाहट शुरू हो गई कि दूबे ने ऐसा बयान कैसे दे दिया। दूबे यह बयान अपनी ही सरकार के विरोध में दिया गया बयान है। एक ओर जहां नई सरकार काले धन को विदेश से लाने के लिए प्रयासरत होने का दावा कर रही है उसके लिए वह एसआईटी भी गठित कर चुकी है वहीं दूसरी ओर बीजेपी के सांसद का ही यह कहना कि कालाधन कभी वापस नहीं आ सकता सरकार के लिए मुश्कलें खड़ी कर सकता है। प्रधानमंत्री मोदी चुनाव प्रचार के दौरान से ही कहते रहे हैं कि उनकी पार्टी सत्ता में आई तो विदेशों में जमा भारतीयों के काले धन को वापस लाने के लिए कानून बनाया जाएगा। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी इसी वर्ष मई में सत्ता संभालने के दूसरे दिन ही कहा कि कालाधन पर एसआईटी का गठन करना मोदी सरकार की प्राथमिकता है और इसपर अम्ल करते हुए नरेंद्र मोदी सरकार ने एक स्पेशल इन्वेस्टिगेटिव टीम भी गठित कर दी। हालांकि सूत्रों के अनुसार जल्द ही दूबे अपने बयान को वापस ले सकते हैं। प्रेक्षकों का मानना है कि इस मुद्दे पर विपक्ष सरकार पर आक्रामक होकर सरकार के  दावों पर सवाल उठा सकता है। प्रेक्षकों के अनुसार, विपक्षी दल इस मामले को तूल देने की पूरी तैयारी कर चुके हैं। विदित हो कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी भी कालेधन को लेकर देश से बहुत बड़े- बड़े वादे कर चुके हैं। ऐसे में यह बयान उनके प्रयास के दावों पर पानी फेर सकता है।

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