• क्या शिमला अभी भी 'पदयात्रियों का शहर' है

    हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से पूछा कि क्या शिमला अभी भी पदयात्रियों का शहर है ...

    शिमला !   हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से पूछा कि क्या शिमला अभी भी पदयात्रियों का शहर है जहां सड़क पर पदयात्रियों को घूमने की आजादी मिली हुई है? शहर के एक निवासी धरमपाल ठाकुर की ओर से शिमला में वाहनों की समस्या पर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने राज्य सरकार से मंगलवार को पूछा कि क्या शिमला सड़क उपयोगकर्ता एवं पदयात्री (लोक सुरक्षा एवं सुविधा) अधिनियम 2007 अमल में लाया जा रहा है?मुख्य न्यायाधीश मंसूर अहमद मीर एवं न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान की खंडपीठ ने पूछा, "सरकार सड़क उपयोगकर्ता अधिनियम के लागू होने पर स्थिति रिपोर्ट पेश करे और शिमला में सील किए गए और प्रतिबंधित सड़कों पर जिन वाहनों की आवाजाही की अनुमति दी गई है उसकी सूची पेश करे।"अदालत ने सरकार को मामले की अगली सुनवाई 19 अगस्त तक शपथ पत्र भरने का निर्देश दिया कि क्या इन सड़कों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं या नहीं और बिना अनुमति वाले वाहनों को रोकने की युक्ति क्या है।शिमला में ऑटो फ्री जोन का समर्थन करते हुए पीठ ने सरकार और स्थानीय निकाय को यातायात नियमन पर एक दीर्घकालीन योजना लाने का निर्देश दिया।याचिका का दायरा बढ़ाते हुए अदालत ने सरकार से अन्य पर्यटक स्थलों पर भी यातायात प्रबंधन की नीति तैयार करने को कहा।

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