• ओडिशा : कोल इंडिया को उत्पादन घटने की आशंका

    महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) के कोयला उत्पादन में इस साल करीब एक करोड़ टन की कमी आ सकती है। कंपनी के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। सरकारी कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड की इस इकाई के अधिकारी ने कहा कि यदि कंपनी के प्रमुख खनन क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीण अक्टूबर तक स्थान खाली नहीं करते हैं, तो कंपनी इस साल एक करोड़ टन उत्पादन नहीं कर पाएगी।...

    भुवनेश्वर | महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) के कोयला उत्पादन में इस साल करीब एक करोड़ टन की कमी आ सकती है। कंपनी के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। सरकारी कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड की इस इकाई के अधिकारी ने कहा कि यदि कंपनी के प्रमुख खनन क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीण अक्टूबर तक स्थान खाली नहीं करते हैं, तो कंपनी इस साल एक करोड़ टन उत्पादन नहीं कर पाएगी।अधिकारी के मुताबिक एमसीएल को खनन कार्य के लिए अंगुल जिले के हेंसमुल गांव में जमीन की जरूरत है, क्योंकि वर्तमान खदान में लगभग पूरी खुदाई हो चुकी है। कंपनी के एक प्रवक्ता दिक्के न मेहरा ने आईएएनएस से कहा कि कंपनी ने सभी 285 स्थानीय लोगों को उनकी जमीन के बदले पुनर्वास योजना के तहत 1995-2008 के दौरान अलग-अलग चरणों में रोजगार उपलब्ध कराए हैं। इन लोगों को पड़ोस के गुरजंग क्षेत्र में जमीनें भी दी गई हैं। मेहरा ने बताया कि 163 लोगों ने गांव खाली कर दिया है और नई जगह पर चले गए हैं, लेकिन 122 लोगों ने नई जगह पर जाने से इंकार कर दिया है।ये लोग ऐसे क्षेत्र में पुनर्वास चाह रहे थे, जो कोयला क्षेत्र है और तीन खनन परियोजनाओं के बीचोबीच स्थित है। इन लोगों ने मंगलवार को स्थानीय प्रशासन को एक ज्ञापन सौंप कर नए स्थान पर पुनर्वास कराए जाने की मांग की है। मांग पूरी न होने की सूरत में इन लोगों ने स्थानीय खदान बंद कराने और 25 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल करने की चेतावनी दी है।मेहरा ने कहा कि कंपनी को नए स्थान से कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन लोगों को कम से कम एक साल का इंतजार करना होगा, क्योंकि प्रशासकीय औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी। मेहरा ने कहा कि लोगों को नए स्थान पर पुनर्वास कराने में होने वाली देरी की वजह से वर्तमान वित्त वर्ष में भुवनेश्वरी खदान से करीब एक करोड़ टन कोयला उत्पादन नहीं हो पाएगा।


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