• अब अमरनाथ गुफा तक सड़क बनाने की तैयारी!

    आने वाले दिनों में यह खबर सच्चाई के रूप में सामने आ सकती है कि अमरनाथ की यात्रा पर जाने के लिए आपको पैदल नहीं चलना पड़ेगा और आपका वाहन गुफा से थोड़ी ही दूर खड़ा हो सकता है।...

    सीमा सड़क संगठन ने की सड़क निर्माण की पेशकश राज्य पीडब्ल्यूडी ने सड़क निर्माण को बताया असंभव कार्य बीआरओ का दावा आसमान के नीचे कहीं भी सड़क निर्माण संभवअमरनाथ यात्रा मार्ग (जम्मू कश्मीर) !    आने वाले दिनों में यह खबर सच्चाई के रूप में सामने आ सकती है कि अमरनाथ की यात्रा पर जाने के लिए आपको पैदल नहीं चलना पड़ेगा और आपका वाहन गुफा से थोड़ी ही दूर खड़ा हो सकता है। परंतु इस खबर को सच्चाई में बदलने में अगर कोई आड़े आ रहा है तो वह है धन की कमी जिसका रोना राज्य सरकार रो रही है। मजेदार बात यह है कि सीमा सड़क संगठन जो आसमान के नीचे कहीं भी सड़क मार्ग बनाने में दक्षता हासित किए हुए है अमरनाथ यात्रा मार्ग पर सड़क बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है।वार्षिक अमरनाथ की यात्रा पर जाने के लिए अब आपको पैदल नहीं चलना पड़ेगा। यह समाचार सुन उन सभी लोगों की बांछे खिल उठती हैं जो इस दुर्गम तीर्थस्थल में 14500 फुट की ऊंचाई पर स्थित बर्फीले पहाड़ों में बनी गुफा में बनने वाले स्वयंभू हिमलिंग के दर्शनों से वंचित रहते हैं। शिवलिंग के दर्शनों से वंचित रहने का कारण कोई बड़ा नहीं है बल्कि सड़क का अभाव है और सभी का स्वास्थ्य 29 या 16 किमी लंबी दुर्गम पैदल यात्रा करने की अनुमति नहीं देता।आधिकारियों के अनुसार अमरनाथ गुफा तक जो पहलगाम से 45 किमी दूर तथा बालटाल से 16 किमी दूर है पर सड़क का निर्माण स्थानीय लोक निर्माण के वश का काम नहीं है लेकिन सीमा सड़क संगठन इसको पूरा कर सकता है जिसने इसके लिए पेशकश भी की है। अधिकतर लोग और अधिकारी अमरनाथ गुफा तक सड़क निर्माण को असंभव मानते हैं मगर बीआरओ संगठन के अधिकारी दावा करते हैं कि वे आसमान के नीचे कहीं भी सड़क मार्ग बनने की क्षमता रखते हैं।उन्होंने बताया, अमरनाथ जैसे दुर्गम और खतरनाक पहाड़ी क्षेत्र में एक किमी सड़क के निर्माण में करीब रुपए एक करोड़ से अधिक का खर्चा आता है और अगर बालटाल से अमरनाथ गुफा तक पक्की सड़क का निर्माण करना हो तो 100 करोड़ के करीब खर्चा आएगा।अगर यह सड़क बन जाती है तो मुंबई, कोलकत्ता आदि के शहरों से भी श्रद्धालु अपने अति व्यस्त समय में से तीन-चार दिनों का समय निकाल अमरनाथ की गुफा में बनने वाले पवित्र शिवलिंग के दर्शन सारा साल कर सकते हैं सिवाय उन महीनों के जब बहुत अधिक बर्फबारी इस मार्ग पर होती है। यह भी सच है कि अगर गुफा तक सड़क का निर्माण होता है तो गुफा में बनने वाले शिवलिंग के दर्शनार्थ आने वालों की सख्ंया तो बढ़ेगी ही पिछले 25 सालों से आतंकवाद से जूझ रही कश्मीर घाटी में पर्यटकों की भीड़ भी बढ़ेगी।सीमा सड़क संगठन के अधिकारियों द्वारा सड़क निर्माण के लिए दिए गए प्रस्ताव के अनुसार, एक वर्ष के दौरान उनके कर्मी सड़क की कच्ची मिट्टी को काट कर सड़क में बदल देंगें और उसके अगले वर्ष उसे पक्का कर देंगें। वे 2 वर्ष का समय इसलिए मांग रहे हैं क्योंकि साल में 6 महीने यात्रा मार्ग बर्फ से ढका रहता है। अर्थात् सड़क निर्माण के उपरांत यह ठीक श्रीनगर-लेह मार्ग की तरह ही साल में 6 महीने खुला रहेगा और 6 माह बंद।

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