• पर्यटन क्षेत्र में छोटे देशों से भी पीछे है भारत

    पर्यटन का पर्याय रहे यूरोपीयन देशों के प्रति पर्यटकों का आक र्षित होना तो स्वाभाविक है लेकिन एशिया में भारत जैसे देश के लिए विदेशी पर्यटक दुरूह होते जा रहे हैं।...

    ज्यादा रुचि नहीं दिखा रहे विदेशी पर्यटकनई दिल्ली !   पर्यटन का पर्याय रहे यूरोपीयन देशों के प्रति पर्यटकों का आक र्षित होना तो स्वाभाविक है लेकिन एशिया में भारत जैसे देश के लिए विदेशी पर्यटक दुरूह होते जा रहे हैं। सरकार के लाख प्रयास करने के बाद भी विदेशी पर्यटक भारत में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। वर्ष 2011 में 77 हजार करोड़ रुपए विदेशी मुद्रा की आमदनी हुई तो वर्ष 2012 में यह 94 हजार करोड़ रुपए तक की विदेशी मुद्रा की आय पहुंच गई लेकिन वर्ष 2012 की तुलना में वर्ष 2013 में मात्र नौ प्रतिशत आय की वृद्धि हुई। वर्ष 2013 में विदेशी मुद्रा की आय 1 लाख करोड़ रुपए तक ही पहुंच सकी।  हालांकि वर्ष 2011 की तुलना में वर्ष 2012 में बीस प्रतिशत से अधिक राजस्व का अर्जन हुआ लेकिन वर्ष 2013 में यह घटकर मात्र नौ प्रतिशत तक पहुंच गया। पर्यटन का पर्याय रह चुके यूरोपीय देशों के अलावा एशियाई देशों में भी पर्यटन के क्षेत्र में पिछड़ चुका है। एशियाई देशों में भी विदेशी पर्यटकों की संख्या में भारत 14 वें स्थान पर है। दिलचस्प बात है कि छोटे-छोटे देश वियतनाम, ताईवान, कोरिया, तुर्की, थाईलैंड, मलेशिया, हांगकांग व मकाओ भी भारत से आगे हैं। आंकड़ों की फेहरिस्त को देखें तो चीन (55,686), तुर्की (37,800), थाईलैंड, (26547), मलेशिया (25,715), चीन हांगकांग (25,661), चीन मकाओ (14268), सउदी अरब (13,213), कोरिया गणराज्य (12,176), जापान (10,400), यूनाईटेड अरब आमीरात (9,990), इंडोनेशिया (8,802), ताईवान (8,016), वियतनाम (7,752), भारत (6,968) मिलियन है। ऐसी विपरीत परिस्थितियों से मुकाबला के लिए पर्यटन मंत्रालय मौजूदा पर्यटन उत्पादों में सुधार लाने और नए पर्यटन उत्पादों को अंतरराष्टï्रीय मानकों के अनुसार, विकसित करने हेतु पर्यटन परिपथों के विकास और तीर्थ स्थलों के लिए अवसंरचना सुधार के लिए राष्टï्रीय मिशन हेतु योजनाओं का निर्माण कर रहा है। वर्ष 2014-15 के बजट में पर्यटन मंत्रालय को दी नई योजनाओं के लिए 6 सौ करोड़ रुपए आबंटित करने का प्रस्तावित किया गया है। पांच पर्यटन परिपथों के लिए पांच सौ करोड़ और आध्यात्मिक परिपथों के लिए सौ करोड़ रुपए का प्रस्ताव दिया गया है जिससे कि पर्यटन की हालात ठीक की जा सके। 

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