दिल्ली में सरकार गठन को लेकर भाजपा में मतभेद सरकार बनाने के पक्ष में राजनाथ व गडकरी! जेटली व सुषमा स्वराज सरकार गठन से असहमत शाह के दिल्ली में न होने से नहीं लिया जा सका निर्णय नई दिल्ली ! दिल्ली में सरकार गठन को लेकर छाए अनिश्चितता के बादल अभी भी बरकरार हैं। पार्टी एक तरफ यह प्रचारित कर रही है कि वह जोड़तोड़ से सरकार बनाने के पक्ष में नहीं है और जैसी परिस्थिति बन रही है उसमें इस वर्ष नवंबर से फरवरी के बीच कभी भी वह दिल्ली में चुनाव के लिए तैयार है। दूसरी ओर इस मामले के पटाक्षेप के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ मंत्रणा की और अंतिम फैसला अमित शाह की गैरमौजूदगी के चलते नहीं हो सका। पार्टी सूत्रों की माने तो यह बैठक सरकार बनाने को लेकर अंतिम फैसला लेने के लिए बुलाई गई थी। इसमें दिल्ली भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ केंद्र के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने सरकार बनाने को लेकर बन रही स्थितियों पर चर्चा की। पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, गृहमंत्री राजनाथ सिंह दिल्ली में सरकार बनाने के पक्ष में दिख रहेे हैं। उनका तर्क है कि दिल्ली को दोबारा चुनाव के बोझ तले नहीं डालना चाहिए। बैठक में मौजूद व दिल्ली के चुनाव प्रभारी रहे केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी उनसे सहमत बताए गए। लेकिन आप और कांग्रेस से विधायकों को तोड़े बगैर सरकार बनाने की संभावनाएं न होने पर नेता चुप हैं। भाजपा के कुछ नेता कह रहे हैं कि यदि उन्हे हाईकमान कहे तो चौबीस घंटे में सरकार बनवा देंगे जबकि रोचक यह है कि दोनों पार्टियां अपने-अपने विधायकों की परेड करा कर संकेत दे रही हैं कि वे टूटने वाले नहीं हैं। पार्टी हलकों में यह चर्चा है कि केंद्रीय वित्त व रक्षा मंत्री अरुण जेटली और विदेश मंत्री सुषमा स्वारज सरकार के गठन के पक्ष में नहीं हैं।