पुणे ! तर्कवादी कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर भले ही तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास के खिलाफ लड़ाई में मारे गए, लेकिन उनके हत्यारों का सुराग पाने के लिए पुलिस ने एक तांत्रिक का सहारा लिया था। इस आशय का खुलासा करने वाली पत्रिका पर आरोपों में घिरे पुलिस अधिकारी की ओर से एक करोड़ की मानहानि का दावा किए जाने के बाद पत्रिका ने मंगलवार को स्टिंग आपरेशन का वीडियो जारी कर दिया जिसमें उन्हें तांत्रिक का सहारा लेने दिखा गया है। पत्रिका आउटलुक 14 जुलाई के अपने अंक में आरोप लगाया था कि पुणे पुलिस ने एक तांत्रिक से दाभोलकर की आत्मा को आहूत कर यह सुराग लगाने का जिम्मा सौंपा था कि उनके हत्यारे कौन हैं। दाभोलकर की हतया पिछले वर्ष 20 अगस्त को कर दी गई थी।पुलिस अधिकारी ने कहा था कि उनकी संवाददाता आशीष खेतान या तांत्रिक सेवानिवृत्त अधिकारी मनीष ठाकुर के साथ कभी मुलाकात नहीं हुई थी।हत्या के करीब 11 माह बाद भी पुलिस हत्यारे का सुराग पाने में विफल है और अब मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के हवाले किया जा चुका है।लेकिन छह घंटे के स्टिंग वीडियो में बताया गया है कि पिछले महीने किस तरह पुलिस अधिकारी ने न केवल ठाकुर की सेवाएं ली, बल्कि उन्हें रुपये और एक वाहन देकर दाभोलकर की आत्मा को आहूत कर इसका सुराग पाने के लिए कहा था कि उनके हत्यारे कौन हैं।वीडियो में यह भी दिखाया गया है कि किस तरह विभिन्न जटिल अपराधों को हल करने के लिए पुलिस अक्सर तांत्रिकों और 'भगवानों' की सेवा लेती रहती है।