• काटजू के आरोपों पर लोकसभा बाधित

    भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मरक डेय काटजू के न्यायपालिका में भ्रष्टाचार के आरोपों पर मंगलवार को लोकसभा में हंगामा हुआ और कार्यवाही बाधित हुई। ...

    नई दिल्ली !  भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मरक डेय काटजू के न्यायपालिका में भ्रष्टाचार के आरोपों पर मंगलवार को लोकसभा में हंगामा हुआ और कार्यवाही बाधित हुई। सरकार ने स्वीकार किया यह घटना वास्तव में घटी थी। काटजू ने रविवार को अपने ब्लॉग में लिखा कि मद्रास उच्च न्यायालय के एक अतिरिक्त न्यायाधीश को संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) के कार्यकाल में नियुक्त कर लिया गया, जबकि उनके खिलाफ गुप्तचर ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।एआईएडीएमके के सदस्यों ने अपने चिर प्रतिद्वंद्वी डीएमके पर उच्च न्यायालय में न्यायाधीश की नियुक्ति में हस्तक्षेप का आरोप लगाया। यह घटना वर्ष 2004 की है और उस समय काटजू मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे।इस मुद्दे पर एआईएडीएमके के सदस्यों के हंगामे के बीच कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में कहा, "2003 में कॉलेजियम की कुछ आपत्तियां थीं और उसने कुछ जांच कराने के बाद यह फैसला किया कि इस न्यायाधीश को नहीं लिया जा सकता।"प्रसाद ने बाद में कहा कि संप्रग शासन के दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा एक स्पष्टीकरण मांगा गया था कि न्यायाधीश की सिफारिश क्यों नहीं की जा सकती। "कॉलेजियम ने फिर कहा कि इनकी किसी भी सूरत में सिफारिश नहीं की जा सकती।"प्रसाद ने कहा कि बाद में कानून मंत्री ने कॉलेजियम को एक नोट लिखा जिसके बाद इसने कहा कि इस मामाले पर कुछ विस्तार से विचार किया जा सकता है।मंत्री ने कहा कि इस तरह की नियुक्तियां करने के लिए सरकार एक राष्ट्रीय न्यायिक आयोग का गठन करना चाहती है ताकि न्यायिक नियुक्तियों की प्रणाली में सुधार आ सके।

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