• त्रिपुरा की बिजली परियोजनाओं की क्षमता बढ़ेगी

    त्रिपुरा के तीन बिजली संयंत्रों की उत्पादन क्षमता ईंधन की खपत बढ़ाए बिना ही 62 मेगावाट बढ़ाई जाएगी। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। राज्य के दो गैस आधारित ताप विद्युत संयंत्रों और एक पनबिजली परियोजना की उत्पादन क्षमता को बढ़ावा देने के लिए नॉर्थ इस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन (नेप्को) त्रिपुरा सरकार के साथ मिलकर 500 करोड़ रुपये का निवेश करेगा।...

    अगरतला | त्रिपुरा के तीन बिजली संयंत्रों की उत्पादन क्षमता ईंधन की खपत बढ़ाए बिना ही 62 मेगावाट बढ़ाई जाएगी। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। राज्य के दो गैस आधारित ताप विद्युत संयंत्रों और एक पनबिजली परियोजना की उत्पादन क्षमता को बढ़ावा देने के लिए नॉर्थ इस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन (नेप्को) त्रिपुरा सरकार के साथ मिलकर 500 करोड़ रुपये का निवेश करेगा।नेप्को के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक पी.सी. पंकज ने संवाददाताओं से कहा, "रोखिया और बारामूरा गैस आधारित बिजली संयंत्र वर्तमान में खुली चक्र प्रणाली (ओपन साइकिल सिस्टम) के तहत काम कर रहे हैं। बिना ईंधन खपत बढ़ाए अतिरिक्त बिजली उत्पादन के लिए दोनों बिजली संयंत्रों को संयुक्त चक्र मोड (कम्बाइंड साइकिल मोड) में बदल दिया जाएगा।" "वर्तमान में दोनों बिजली संयंत्र 105 मेगावाट बिजली उत्पादन कर रहे हैं, जबकि इसे कम्बाइंड साइकिल मोड में बदलने के बाद कुल बिजली उत्पादन 160 मेगावाट हो जाएगा।"नेप्को दक्षिणी त्रिपुरा स्थित दाम्बूर पनबिजली संयंत्र की बिजली उत्पादन क्षमता को 7.5 मेगावाट बढ़ाकर 15 मेगावाट करेगा। इन तीनों परियोजनाओं को दो सालों के अंदर पूरा करने के लिए नेप्को ने सोमवार को त्रिपुरा सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया। समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर कार्यक्रम के दौरान त्रिपुरा के मुख्यमंत्री मानिक सरकार, ऊर्जा मंत्री मानिक डे तथा त्रिपुरा सरकार और नेप्को के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। तीनों परियोजनाओं पर आई कुल लागत को त्रिपुरा सरकार और नेप्को द्वारा आधा-आधा साझा किया जाएगा। मोनारचक में गैस आधारित 101 मेगावाट बिजली संयंत्र परियोजना पर आई कुल लागत को भी दोनों आधा-आधा साझा करेंगे।


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