• शादी जैसा जश्न मनाएंगे, वोट नहीं डालेंगे

    छत्तीसगढ़ और ओडिशा की सीमा पर रायगढ़ जिले के गांव जुनवानी के लोगों ने सालों से ठप विकास का विरोध अनोखे तरीके से करने का निर्णय लिया है।...

    रायगढ़ !   छत्तीसगढ़ और ओडिशा की सीमा पर रायगढ़ जिले के गांव जुनवानी के लोगों ने सालों से ठप विकास का विरोध अनोखे तरीके से करने का निर्णय लिया है। गुरुवार को वोटिंग के दिन ग्रामीण शादी जैसा उत्सव मनाएंगे लेकिन वोट नहीं डालेंगे। गांव में करीब 600 मतदाता हैं। गांव वालों का कहना है कि 15 सालों से कोई नेता उनके गांव में झांकने तक नहीं आया। अफसरों ने भी चिंता नहीं की। गांव में न तो सड़क है, न पीने का साफ पानी। पिछले एक साल से आठ सौ लोगों की आबादी वाला यह गांव नाले का पानी पी रहा है। इसलिए नेताओं को सबक सिखाएंगे।गांव के बुजुर्ग बाबूलाल दर्शन ने बताया कि ग्रामीणों ने तय किया है कि 24 अप्रैल को वोटिंग के दिन उत्सव मनाएंगे। पोलिंग बूथ के पास शादी जैसी धूमधाम रहेगी, पंडाल लगेगा, बैंड बाजे की व्यवस्था होगी साथ ही साथ सामूहिक भोज भी रखा जाएगा। कार्यक्रम में पूरा गांव शामिल होगा, पर वोट कोई नहीं डालेगा। गांव के बाहर तख्ती लगा दी गई है कि इस गांव में नेता झांकने नहीं आते, इसलिए वे वोट नहीं डालेंगे। बाबूलाल ने बताया कि पहले सोचा गया कि सारे मतदाता ईवीएम पर नोटा (नन ऑफ द अबव) का बटन दबाएं। पर गांव के ज्यादातर लोग अनपढ़ हैं। पता नहीं नोटा की जगह कौन सा बटन दबा दें। इसलिए वोटिंग के बहिष्कार का फैसला किया गया।गांव के कुछ लोग कलेक्टर के पास पहुंचे और बता दिया कि वह वोट नहीं देने वाले। मंगलवार को जनपद पंचायत के सीईओ ललित साहा भी ग्रामीणों को मनाने जुनवानी पहुंचे थे, पर लोग टस से मस न हुए। साहा का कहना है कि इसकी वजह ग्रामीणों की आपसी लड़ाई है। लोगों को वोटिंग के लिए मनाया जा रहा है।गांव में समस्याएं- - एक साल से ग्रामीण नाले का पानी पी रहे हैं।- सरपंच ने विकास के पैसे दो साल पहले निजी कामों में खर्च कर दिए। जांच में पुष्टि के बावजूद कार्रवाई नहीं की गई।

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