नयी दिल्ली ! उच्चतम न्यायालय ने समलैंगिकता कोेआपराधिक कृत्य घोषित करने वाले अदालती आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर खुली अदालत में सुनवाई करने की मांग मंजूर कर ली है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी सदाशिवम की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय पीठ ने ये मंजूरी दी। गैर सरकारी संगठन नाज फांउडेशन .केंद्र सरकार तथा अन्य याचिकार्कताों की याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह खुली अदालत में इस मुद्दे पर सुनवाई करेगी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने एक आदेश में कहा था कि किसी निजी जगह पर दो समलैंगिकों के बीच रजामंदी से बनाये गये शारीरिक संबंध गैरकानूनी नहीं है लेकिन उच्चतम न्यायालय नें इसे अपराध घोषित किया था। उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने कुछ दिनों पहले किन्नरों को तीसरी श्रेणी का र्दजा दिया है जिससे समलैंगिकों को भी उम्मीद बंध गयी है।