नयी दिल्ली ! भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वह बदले की राजनीति को वक्त की बरबादी समझते है और उनका एक ही लक्ष्य है कि कैसे देश की सवा सौ करोड जनता के लिये पांच साल में कुछ कर सकें। श्री मोदी ने एक चैनल को दिये साक्षात्कार में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा के कथित भूमि घोटाले के बारे पूछे जाने पर कहा कि वह ऐसे मामलों में जिसमे कानून अपना काम करता है उसमें पडने के बजाय विकास को तरजीह देंगे। उन्होंने कहा कि वह 14 साल से गुजरात के मुख्यमंत्री हैं और कभी भी किसी के खिलाफ फाइल नही खोली।वह मानते हैं कि अगर कोई इस तरह के पचडे में पडता है तो अच्छा काम कर नही सकता 1वह सकारात्मक पहलुों पर ध्यान देंगे।वह पुराने मामलों की जानकारी भी नही रखते।यह काम सरकार का होता है और उसे ही करने देना चाहिये। कोई भी कानून से उपर नही होता।श्री मोदी से जब उनकी तेज तर्रार छवि के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा ..देश तेज तर्रारी से नही चलता बल्कि संविधान से चलता है। तेजतर्रारी तो चुनाव के लिये होती है। देश चलाने के लिये नही।.. उन्होंने राम मंदिर और समान नागरिक संहिता जैसे विवादित मुद्दों पर कहा कि सरकार संविधान से चलती है। वह मानते है कि सरकार का एक ही धर्म होता है और वह है भारत पहले। उसका एक धर्म ग्रंथ है . हमारा संविधान.1 सरकार के लिये काम करने का एक ही तरीका है सबका साथ सबका विकास। उन्होंने कहा कि वह देश के बाकी नागरिकों की भांति मुसलमान भाईयों से मिलेंगे 1 उन्होंने स्पष्ट किया हिंदू और मुसलमानों के बीच राम मंदिर और समान नागरिक संहिता जैसे विवादित मुद्दों को संविधान के दायरे में हल किया जायेगा। उन्होंने जैसे गुजरात के सभी छह करोड लोगों से संपर्क बनाया ठीक उसी तरह मुलमानों समेत देश की तमाम सवा सौ करोड जनता से संपर्क कायम करेंगे।यह उनकी जिम्मेदारी होगी और उसे वह जरूर निभायेंगे।