नई दिल्ली | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने सोमवार को कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह द्वारा जगदीश टाइटलर को 1984 के सिख-विरोधी दंगों के मामले में क्लीन चिट दिए जाने पर सवाल उठाया। जेटली ने अपने ब्लॉग में लिखा, "इसकी न्यायिक रूप से जांच होनी चाहिए ताकि सच का पता लगाया जा सके। कैप्टन अमरिंद सिंह क्यों बुरे व्यक्ति की वकालत करने लगे और क्यों जगदीश टाइटलर को क्लीन चिट देने की पेशकश की। क्या वह दंगे में शामिल दोषी व्यक्ति के बारे में पहले से फैसला सुना रहे हैं? क्या पीड़ितों के दर्द से ज्यादा महत्वपूर्ण कैप्टन के साथ उनका व्यक्तिगत और राजनीतिक संबंध है?"उन्होंने आगे कहा कि वह तो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार थी, जिसने जस्टिस नानावटी आयोग की जांच बैठाई और सच को सामने लेकर आए। उन्होंने लिखा, "सच्चाई यह है कि हजारों निर्दोष लोगों का मारा जाना त्रासद घटना है और उससे भी बुरा है दोषी को सजा न मिलना। राज्य की मिलीभगत साफ है। दंगाइयों में से किसी को भी पुलिस ने बर्खास्त नहीं किया। सालों तक प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई। तत्कालिक प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने दंगों को राजनतिक बना दिया।" तत्कालिक कांग्रेस सरकार पर धावा बोलते हुए जेटली ने कहा, "कांग्रेस द्वारा गठित जस्टिस रंगनाथ मिश्रा आयोग सरकार समर्थित हिंसा की ढाल बनी रही। सेवानिवृत्ति के बाद न्यायाधीश को राज्य सभा सदस्य बनाया गया।"