• संप्रग की जल्दबाजी लोकपाल की विश्वसनीयता खत्म कर देगी : जेटली

    भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने रविवार को कहा कि लोकपाल के गठन के लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की नापाक जल्दबाजी इसकी विश्वसनीयता खत्म कर देगी। जेटली ने अपने ब्लॉग में लिखा, "संप्रग यदि इस स्तर पर पहुंच कर लोकपाल के गठन में जल्दबाजी दिखाता है, तो यह राजनीतिक रूप से अनुपयुक्त और आचार संहिता का उल्लंघन होगा। इसके अलावा पूरी प्रक्रिया भी वैधानिक रूप से संदेहास्पद होगी। इस तरह की नापाक जल्दबाजी लोकपाल के गठन से पहले ही इसकी विश्वसनीयता खत्म कर देगी।"...

    नई दिल्ली | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने रविवार को कहा कि लोकपाल के गठन के लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की नापाक जल्दबाजी इसकी विश्वसनीयता खत्म कर देगी। जेटली ने अपने ब्लॉग में लिखा, "संप्रग यदि इस स्तर पर पहुंच कर लोकपाल के गठन में जल्दबाजी दिखाता है, तो यह राजनीतिक रूप से अनुपयुक्त और आचार संहिता का उल्लंघन होगा। इसके अलावा पूरी प्रक्रिया भी वैधानिक रूप से संदेहास्पद होगी। इस तरह की नापाक जल्दबाजी लोकपाल के गठन से पहले ही इसकी विश्वसनीयता खत्म कर देगी।"जेटली ने कहा कि इस प्रक्रिया को यहीं पर रोक दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यालय द्वारा एक समिति के गठन के लिए बैठक करने के प्रयास को पूरा नहीं होने दिया जाना चाहिए। उन्होंने लिखा, "इस समय जब मनमोहन सिंह सेवानिवृत्त होने वाले हैं, उन्हें गंभीरता से विचार करना चाहिए कि यदि वह इस समय लोकपाल लाने की जल्दबाजी करते हैं, तो वह एक ऐसे प्रधानमंत्री के रूप में याद किए जाएंगे, जिन्होंने अपनी पार्टी के इशारों पर संस्थानों को बर्बाद किया।" उन्होंने आगे लिखा है, "यदि अब वह इस जल्बाजी का हिस्सा बनना भी चाहते हैं, तो इस समय भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली इतनी मजबूत है कि उन्हें सफलता नहीं मिलेगी। इस समय प्रधानमंत्री के पास बची-खुची कुछ साख के अलावा खोने के अलावा कुछ भी नहीं है।" जेटली ने कहा कि लोकपाल के गठन का विवाद खत्म नहीं होने वाला है। अब जबकि लोकसभा चुनाव का आधा चरण पूरा हो चुका है और नई सरकार के गठन में मात्र 26 दिन शेष हैं, तो संप्रग सरकार के लिए यह शोभा नहीं देता कि वह लोकपाल लाने में जल्दबाजी दिखाए। भाजपा ने शनिवार को निर्वाचन आयोग से आग्रह किया कि संप्रग सरकार को नई सरकार के आने तक लोकपाल के गठन के लिए आवश्यक सभी प्रक्रियाएं फिलहाल रोक देनी चाहिए।


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