• राजनाथ को कहीं भारी न पड़ जाए चुनावी कुप्रबंधन

    भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उत्तर प्रदेश इकाई में मचे घमासान, अंतर्कलह और चुनावी कुप्रबंधन की वजह से राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह का चुनावी गणित बिगड़ सकता है। ...

    लखनऊ !   भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उत्तर प्रदेश इकाई में मचे घमासान, अंतर्कलह और चुनावी कुप्रबंधन की वजह से राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह का चुनावी गणित बिगड़ सकता है। भितरघात से डरे राजनाथ को अब स्थानीय लोगों पर भरोसा नहीं रहा और शायद इसीलिए उन्हें बाहरी लोगों को लखनऊ बुलाकर चुनाव प्रचार करवाना पड़ रहा है। राजधानी लखनऊ का चुनावी गणित राजनाथ के हाथ से फिलहाल फिसलता जा रहा है। हलवासिया मार्केट में बने राजनाथ के चुनावी कार्यालय में मीडिया की देखरेख के लिए जिन लोगों को बैठाया गया है, वे कुछ निजी लोगों तक ही सिमट गए हैं और जिस तरह से रणनीतिक रूप से चुनाव प्रचार होना चाहिए वैसा नहीं हो रहा है।भाजपा के एक पदाधिकारी ही बताते हैं, "राजधानी का चुनाव राष्ट्रीय अध्यक्ष के पक्ष में फिलहाल चढ़ता दिखाई नहीं दे रहा है। राजनाथ का प्रचार प्रसार केवल कागजों तक ही सीमित है, क्योंकि प्रचार में जुटे लोग पूरी तरह से अनुभवहीन हैं।"उन्होंने कहा, "प्रचार में पैसे खूब बहाए जा रहे हैं लेकिन इसका असर कहीं दिखाई नहीं दे रहा है।"इधर, राजनाथ ने अपने चुनाव प्रचार के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। अकेले लखनऊ शहर में ही करीब 200 गाड़ियां चुनाव प्रचार में लगाई गई हैं, बावजूद इसके चुनाव प्रचार में वे लगातार पिछड़ते जा रहे हैं। उत्तराखंड और दिल्ली से भी लोगों को बड़ी संख्या में राजधानी बुलाकर प्रचार में लगाया गया है। करीब दो हजार से अधिक बाहरी नेताओं व कार्यकर्ताओं ने डेरा डाल दिया है, फिर भी उनका प्रचार जोर नहीं पकड़ पा रहा है। भाजपा सूत्रों की मानें तो राजनाथ की तरफ से काम देख रहे कुछ खास लोगों की ओर से कई नेताओं को चार पहिया वाहन भी मुहैया कराई गई है, लेकिन इनकी गाड़ियां किस क्षेत्र में जाती हैं, और कहां-कहां प्रचार करती हैं, इसका हिसाब किसी के पास नहीं है। सुबह निकले नेता शाम को चुनाव कार्यालय पहुंचकर श्रेय लेने से परहेज नहीं कर रहे हैं। चुनाव कार्यालय में बैठे पार्टी के एक नेता ने ही बताया कि चुनाव प्रचार जमीन से कोसों दूर है। इनके प्रचार का असर सिर्फ समाचार पत्रों में हैं। जिस मुहल्ले में जनसंपर्क नहीं होता, वहां की भी खबरें बनाकर समाचार पत्रों में प्रकाशित करने के लिए दे दी जाती हैं। उन्होंने बताया कि जब अगले दिन खबरें प्रकाशित होती हैं तो मीडिया का काम देख रहे कुछ लोग समाचार पत्रों की कटिंग कर स्कैन करते हैं और राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ को मेल कर देते हैं।राजधानी में उत्तराखंड के करीब एक लाख, 75 हजार, 635 मतदाताओं को लुभाने के लिए भाजपा ने उत्तराखंड के कई नेताओं को बुलाने की रणनीति बनाई है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस पार्टी से हाल में ही भाजपा में शामिल हुए सतपाल महाराज तथा पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी 20 अप्रैल को लखनऊ आएंगे और उत्तराखंडियों के बीच राजनाथ का प्रचार शुरू करेंगे।उत्तरांचल से तालुल्क रखने वाले मतदाताओं को राजनाथ के पक्ष में मतदान करने और उत्तराखंडी महिलाओं को लुभाने के लिए भाजपा ने दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रसंघ के पूर्व महासचिव व महिला मोर्चा की प्रदेश मंत्री दीप्ति रावत तथा दिल्ली महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष रीता परिहार सहित कई लोग राजधानी में लगातार चुनावी प्रचार में जुटे हुए हैं।भाजपा के प्रदेश प्रभारी अमित शाह से जब यह सवाल पूछा गया तो उन्होंने केवल इतना ही कहा कि वह ऐसा नहीं मानते।

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