• बिहार में भाजपा की राह मुश्किल

    भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री के पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पार्टी बिहार में अभूतपूर्व सफलता का भले ही दावा कर रही हो,...

    पटना !   भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री के पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पार्टी बिहार में अभूतपूर्व सफलता का भले ही दावा कर रही हो, लेकिन लोकसभा चुनाव के सातवें चरण के तहत बिहार में 24 अप्रैल को होने वाले मतदान में पिछले परिणाम को दोहरा पाना पार्टी लिए एक चुनौती की तरह है।  इस चरण के तहत बिहार की सात सीटों सुपौल, अररिया, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और बांका लोकसभा क्षेत्र में मतदान होना है। इनमें से किशनगंज सीट को छोड़ दिया जाए तो छह सीटों पर भाजपा का प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से कब्जा है। किशनगंज सीट कांग्रेस के कब्जे में है।  पिछले चुनाव में पूर्णिया से भाजपा के उदय सिंह, कटिहार से निखिल कुमार चौधरी, अररिया से प्रदीप सिंह, भागलपुर से शहनवाज हुसैन विजयी हुए थे जबकि सुपौल से जनता दल (युनाइटेड) के विश्वमोहन ठाकुर और बांका से निर्दलीय पुतुल कुमारी विजयी घोषित हुई थीं। मौजूदा समय में विश्वमोहन ठाकुर और पुतुल कुमारी ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है जिससे भाजपा की सीटों की संख्या छह हो गई है।  इन सात सीटों में से भाजपा ने छह सीटों पर निवर्तमान सांसदों को चुनावी अखाड़े में उतारा है। इन सभी सीटों पर गौर किया जाए तो दो-तीन सीटों को छोड़कर अन्य सीटों पर त्रिकोणीय संघर्ष माना जा रहा है। भागलपुर से भाजपा ने इस चुनाव में भी शहनवाज को चुनाव मैदान में उतारा है, जबकि उनके सामने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने बुलो मंडल और जद (यू) ने अबु कैसर को मैदान में उतारकर शहनवाज की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। शहनवाज ने पिछले चुनाव में राजद के शकुनी चौधरी को 60,000 से ज्यादा मतों से पराजित किया था।  कोशी की त्रासदी झेल चुके सुपौल संसदीय क्षेत्र में इस बार दिलचस्प मुकाबले के आसार हैं। पिछले चुनाव में जद (यू) के टिकट से विजयी हुए विश्वमोहन ठाकुर के खिलाफ जद (यू) के दिलकेर कामत हैं। कांग्रेस ने इस चुनाव में एक बार फिर रंजीता रंजन पर ही भरोसा जताया है। पिछला चुनाव रंजीता हार गई थीं। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में अररिया संसदीय क्षेत्र में भाजपा के प्रदीप कुमार सिंह ने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के जाकिर हुसैन को पराजित किया था, लेकिन इस चुनाव में लोजपा, भाजपा के साथ प्रदीप के लिए वोट मांग रही है। राजद ने इस सीट से अपने पुराने योद्घा तस्लीमुद्दीन और जद (यू) ने विजय कुमार मंडल को चुनावी अखाड़े में उतारा है। कटिहार में भाजपा के निखिल चौधरी का सीधा मुकाबला राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकंपा) के तारिक अनवर से है। पूर्णिया में रिकार्ड मतों से विजयी होने वाले उदय सिंह उर्फ पप्पु सिंह के लिए यह चुनाव आसान नहीं दिख रहा है। पप्पु के मुकाबले जद (यू) ने संतोष कुशवाहा को चुनावी दंगल में उतारा है जो भाजपा के पूर्व विधायक हैं।

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