• 'नफरत की राजनीति में भाजपा का भरोसा

    कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को नफरत की राजनीति वाली पार्टी बताते हुए...

    नीमच/अंबिकापुर !  कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को नफरत की राजनीति वाली पार्टी बताते हुए कहा कि भाजपा देश में बड़ी-बड़ी बातें कर रही है। वह नफरत की राजनीति में विश्वास करती है। कांग्रेस ने सदैव गंगा-जमनी संस्कृति को मजबूत किया। उन्होंने कहा कि भाजपा देश को कमजोर करने में लगी हुई है। कांग्रेस ही एक ऐसी पार्टी है जो आजादी के बाद से ही राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका का निर्वहन करने में जुटी है।भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि लोकतंत्र की मजबूती इसी में है कि प्रधानमंत्री का चुनाव भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया से हो, लेकिन भाजपा नेता मोदी वरिष्ठ नेताओं को नजरअंदाज कर प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी बन बैठे हैं। एक व्यक्ति के हाथ में कभी भी लोकतंत्र सुरक्षित नहीं रह सकता। सोनिया ने कहा कि सत्ता पाने के लिए भाजपा सारी सीमाएं लांघ रही है। यह चुनाव विचारधाराओं की लड़ाई का चुनाव है। एक दल अमन चैन के साथ विकास चाहता है, दूसरा दल सत्ता के लिए भाई को भाई से लड़ाने पर आमदा है। जनता को यह तय करना है कि वह किसका साथ दे। उन्होंने कहा कि भाजपा वोट हासिल करने हर तरह के हथकंडे अपना रही है। कुछ लोग गुजरात मॉडल की बात करते हैं, जबकि वहां 40 फीसदी लोगों को पीने का पानी तक उपलब्ध नहीं। मूलभूत सुविधाएं नहीं, रोजगार की उपलब्धता नहीं। 27 हजार दलितों के पद नौकरियों में खाली है। जहां 640 पंचायतों में अभी तक नागरिकों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाया। उन्होंने कहा कि गुजरात में पांच वर्ष तक का प्रत्येक दूसरा बच्चा कुपोषण का शिकार है। जहां कौडिय़ों के भाव किसानों की जमीन छीनकर चुनिंदा उद्योगपतियों को दी जा रही है। ये कैसा विकास का मॉडल है जहां गरीबों, किसानों की जमीन छीनकर पूंजीपतियों को सौंप दी गई हो।  सोनिया गांधी ने गुजरात के बाद मध्यप्रदेश को लेकर भी भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि यहां विकास की बात होती है। यहां कर्जमाफी की बात प्रचारित कर कर्जमाफी नहीं दी गई। उन्होंने संप्रग के 10 वर्ष की उपब्धियां गिनाते हुए कहा, राजनीति विकास के लिए हो, सत्ता के लिए नहीं। चुनाव में कई विचारधाराएं आती-जाती हैं। हम अमन चैन और आपसी सौहार्द के साथ विकास पर भरोसा रखते हैं, वहीं भाजपा सत्ता के लिए आचार-विचार की सभी सीमाएं लांघकर सत्ता तक पहुंचना चाहती है।

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