• माउंट एवरेस्ट हिमस्खलन में 12 मरे

    माउंट एवरेस्ट पर शुक्रवार सुबह हुए हिमस्खलन में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में सभी नेपाल के नागरिक हैं। यह जानकारी एक अधिकारी ने दी।...

    काठमांडू !   माउंट एवरेस्ट पर शुक्रवार सुबह हुए हिमस्खलन में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में सभी नेपाल के नागरिक हैं। यह जानकारी एक अधिकारी ने दी।शुक्रवार तड़के हुई इस दुर्घटना पर शोक जाहिर करते हुए सरकार ने प्रत्येक पीड़ित परिवार के लिए 40,000 नेपाली रुपये (400 डॉलर) की तत्काल राहत की घोषणा की है। पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार, हिमस्खलन स्थल पर खोजी और बचाव अभियान अभी भी जारी है। दुर्घटनास्थल लगभग 5,900 मीटर की ऊंचाई पर है। अधिकारियों ने कहा कि वे इस बारे में खुलासा करने की स्थिति में नहीं है कि जहां हिमस्खलन हुआ वहां कितने शेरपा थे। वे इस साल के पर्वतारोहण सत्र के लिए रस्सियां लगाने गए थे।सोलुखुम्बु जिले के पुलिस प्रमुख बद्री बिक्रम थापा के मुताबिक, चार शेरपा सोलुखुम्बु जिले से ताल्लुक रखते हैं। माउंट एवरेस्ट सोलुखुम्बु जिले में पड़ता है और रस्सियां लगाने और कुली एवं गाईड के रूप में काम करने वाले करीब सभी शेरपा उस जिले के हैं।हिमस्खलन में मरे और लापता हुए लोग शेरपा थे और शायद कुछ विदेशी नागरिक भी थे।तीन दर्जन से अधिक भारतीय पर्वतारोही भी दुनिया की इस सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ने की कोशिश में हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि वे माउंट एवरेस्ट के आधार शिविर तक पहुंच पाए हैं या नहीं।नेपाल के पर्यटन मंत्रालय के प्रवक्ता मोहन कृष्ण सपकोता ने बताया, "हमने घटनास्थल से तीन-चार लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला है। इस जानलेवा हिमस्खलन में कुल मिलाकर 15 शेरपा और पर्वतारोही लापता हुए हैं, जो हालिया समय में सबसे बड़ा आंकड़ा है।"नेपाल सरकार ने शुक्रवार अपराह्न् आपदा के बाद की स्थिति पर चर्चा करने के लिए एक आपातकालीन बैठक बुलाई। बैठक में अधिकारियों को बचाव कार्य के लिए नेपाल सेना का एक हेलीकॉप्टर भेजने का निर्देश दिया गया।नेपाल के पर्वतारोहण उद्योग डिविजन के प्रमुख मधुसूदन बुर्लाकोटी एवरेस्ट पर्वतारोहियों को पर्वतारोहण की अनुमति देते हैं। उन्होंने आईएएनएस से पुष्टि की कि घटनास्थल से नौ नेपाली नागरिकों के शव बरामद किए गए हैं। घायल हुए छह अन्य लोग भी नेपाल के नागरिक हैं।समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बुर्लाकोटी के हवाले से बताया कि हिमस्खलन सुबह करीब 6.30 बजे आधार शिविर संख्या दो के ठीक निचले हिस्से में हुआ।

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