• अगर गुजरात दंगो का दोषी हूं तो चढ़ा दो मुझे चौराहे पर फांसी

    भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने 2002 के गुजरात दंगों पर लंबे समय के बाद बेबाकी से बोलते हुए...

    अहमदाबाद !  भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने 2002 के गुजरात दंगों पर लंबे समय के बाद बेबाकी से बोलते हुए आज कहा कि इस पर उनके माफी मांगने की बात नहीं होनी चाहिए अगर वह इस मामले में रत्ती भर भी दोषी हों तो उन्हें बीच चौराहे पर फांसी दे दी जाए।     उन्होने नेताों के मुस्लिम टोपी पहनने के चलन को तुष्टिकरण का प्रतीक बताते हुए यह भी कहा कि उन्हें कोई भी ऐसा करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता।     श्री मोदी ने गांधीनगर में एक साक्षात्कार के दौरान कहा. .. अगर गुजरात दंगों के मामले में मेरे खिलाफ लगाये गये आरोपों में रत्ती भर भी सच्चाई है तो मुझे चौराहे पर फांसी दे देनी चाहिए। मै तो कहता हूं कि इस मामले में दुनिया के सबसे बेहतर प्रणाली से जांच करानी चाहिए और अगर मुझे जरा भी दोषी पाया जाए तो सीधे फांसी होनी चाहिए। इसमें माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठना चाहिए।..     उन्होंने कहा कि वह अब उन दंगों के बारे में इसलिए बात नहीं करते क्योंकि उन्हें सुप्रीम कोर्ट तथा जनता की अदालत (तीन विधानसभा चुनावों में जीत के जरिये) में क्लिन चिट मिल चुकी है और वह इसके हर पहलू पर वर्ष 2007 तक खुल कर जवाब देते रहे हैं। वह इसको पीछे छोड़ कर अब देश के विकास की बात करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि दंगों के मामले में माफी मांगने का कोई मतलब नहीं है।     मुसलमानों की टोपी नहीं पहनने के बारे में पूछे गये सवाल पर श्री मोदी ने तल्खी से कहा कि यह तुष्टिकरण का प्रतीक बन गया है और उन्हें कोई इसके लिए बाध्य नहीं कर सकता है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा. . क्या गांधी नेहरू पटेल अथवा सोनिया गांधी ने कभी ऐसी टोपी पहनी है।.. श्री मोदी ने कहा कि अगर कोई इस टोपी का अपमान करेगा तो मै उसके खिलाफ हूं पर तुष्टिकरण के लिए मुझे इसे पहनने को बाध्य नहीं किया जा सकता। पिछले कुछ समय से अपनी राजनीति में ऐसा चलन हो गया है।     श्री मोदी ने दावा किया कि जिस मुस्लिम धर्मगुरू ने उन्हें टोपी देने की कोशिश की थी उसने उन्हें अपने धर्म का एक चादर भी ओढ़ाया था और इसमें उन्होंने कोई आपत्ति नहीं जतायी थी।

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